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टीकमगढ़ न्यूजः एमपी विधानसभा चुनाव का टीकमगढ़ में विरोध

टीकमगढ़ समाचार: एमपी विधानसभा चुनाव का टीकमगढ़ में विरोध

Bundelkhand news

टीकमगढ़ न्यूजः एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट कटने से जहां एक तरफ कार्यकर्ता नाराज हैं। वहीं,अपनी समस्याओं के समाधान नहीं होने पर जनता चुनाव का बहिष्कार कर रही। टीकमगढ़ के एक गांव में भी ऐसा ही हुआ। बिजली की समस्या हल नहीं होने तक गांव के लोग वोट नहीं देने का फैसला किया है।

टीकमगढ़ (Bundelkhand) मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इसके चलते राजनैतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसके बाद से टिकट कटने का विरोध होने लगा है। जहां प्रत्याशी नाराज हैं। वहीं, जनता भी नाराज है। उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होने से। टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायत केशवगढ़ के मतदाताओं ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है।

दरअसल, टीकमगढ़ (District Of Bundelkhand) के एक गांव के बाहर ग्रामीणों ने एक बैनर लगाकर चुनाव बहिष्कार करने की बात लिखी है। साथ ही पोस्टर में लाइट नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है।

3 साल से खराब पड़ी है इलेक्ट्रिक सप्लाई डीपी

चुनाव बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि कई महीनों से विद्युत डीपी ख़राब है। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। आजादी मिले 75 वर्ष गुजर गए लेकिन टीकमगढ़ (Bundelkhand) जिले के ग्रामीण अंचलों में मूलभूत सुविधाओं को भी विकास नहीं हुआ। यहां अभी भी लोग स्वास्थ्य, सड़क और बिजली को लेकर के संघर्ष कर रहे हैं। लंबे समय तक जनपद निधियां इसे जब दरकिनार कर देती है तो चुनाव के समय यह मुद्दा बनता है।

गांव के बाहर पोस्टर लगाकर दी जानकारी

बिजली की समस्या का निराकरण नहीं होने पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर के वोट न देने का निर्णय लिया है। ग्रामीण कहते हैं कि कई महीनो से वह लगातार परेशान हो रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते उन्होंने बाकायदा गांव के बाहर एक बैनर लगाया है।

ग्रामीणों ने दी चेतावनी

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी डीपी नहीं बदली गई तो आने वाले 17 नवंबर को पूरा गांव का गांव मतदान नहीं करेगा। इसको लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि पुष्पेंद्र जैन कहते हैं कि ग्राम पंचायत में 21 विद्युत डीपी लगी हुई थी। जिसमें से 19 खराब है। पिछले 3 साल से उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर को टीकमगढ़ (Bundelkhand) कलेक्टर अवधेश शर्मा मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने आए थे। उनको लिखित आवेदन दिया गया था और ग्रामीणों ने शिकायत की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण से ग्रामीणों ने सर्व समिति से निर्णय लिया है कि आने वाले 17 नवंबर को मतदान नहीं करेंगे।

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