झाँसी, 10 अक्टूबर 2023: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आज हुए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि उद्यानिकी क्षेत्र से बुंदेलखंड की तकदीर को बदलने का पूरा पोटेंशियल है। इस अद्वितीय प्रशिक्षण के दौरान, जिसमें 10 दिवसीय गोभी वर्गीय सब्जी प्रशिक्षण का आयोजन हुआ, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि बुंदेलखंड के किसानों को नवाचारिक विधियों से अवगत कराया जाए।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि सब्जी उगाने वाले किसान अच्छे उत्पादन द्वारा अधिक आय प्राप्त कर सकें और उन्हें अधिक मूल्य भी मिले। डॉ. अशोक कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा, "उद्यानिकी से बुंदेलखंड की तकदीर बदल सकती है।" उन्होंने यह भी बताया कि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय निश्चित समय-समय पर किसानों को विभिन्न प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जिससे किसान समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
सब्जियों के साथ वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग
इस प्रशिक्षण के दौरान, सब्जी वैज्ञानिकों ने 12 ग्राम के किसानों का चयन किया है। इन किसानों को नवाचारिक वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करके सब्जियों की उत्पादन में सुधार करने का साहस दिया गया है। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि सब्जियों की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
महिला किसानों का महत्व
इस प्रशिक्षण में महिला किसानों ने भी भाग लिया है, जिससे यह ज्ञात होता है कि बुंदेलखंड में महिला किसान भी पुरुषों के साथ बराबर श्रम कर रही हैं और अपनी कृषकी आय को दुगनी कर रही हैं।
सब्जी वैज्ञानिकों के सुझाव
प्रशिक्षण में सब्जी वैज्ञानिकों ने यह भी चर्चा की कि पानी की आपूर्ति को कैसे बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है, ताकि सब्जियों की उपयोगिता में सुधार हो। उन्होंने किसानों को सब्जियों के विभिन्न पहलुओं से भी परिचित कराया, जिससे कि उन्हें अधिक जानकारी और सफलता प्राप्त हो सके।
डॉ. अशोक कुमार सिंह ने इस प्रशिक्षण के महत्व को बताया और कहा कि इससे बुंदेलखंड के किसानों को सब्जियों की खेती में लाभ पहुंचाने की संभावना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को नवाचारिक तरीकों से उत्पादन करने के लिए ज्ञान प्राप्त होगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वह समृद्ध होंगे।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने इस प्रशिक्षण के साथ-साथ सब्जियों को बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग करने की भी जानकारी दी, जिससे कि किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त हो।
इस अवसर पर प्रशिक्षण लेने वाले किसान, उद्यानिकी एवं वानिकी के वैज्ञानिकों के साथ ही उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियंका शर्मा और आभार अर्जुन लाल ओला ने किया।
अवलोकन
इस प्रशिक्षण के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों को सब्जियों की खेती में नवाचारिक तरीकों का प्रयोग सिखाया है, जो कि उनकी आय में वृद्धि करने में मदद करेगा। यह प्रशिक्षण सब्जियों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा और उन्हें बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त होगा।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसान नए विधियों को सीख सकते हैं, जिससे उनकी खेती में सुधार होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, सब्जियों की उपयोगिता और मूल्य के मामले में भी सुधार होगा, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा।
डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि पानी जितना अधिक होगा, वही सब्जियों की खेती ठीक तरीके से हो सकेगी, और किसानों को यदि सब्जियों में अधिक लाभ प्राप्त करना है, तो वे वैज्ञानिक तरीके से खेती करें।
डॉ. अशोक कुमार सिंह ने इस प्रशिक्षण के महत्व को बताया और कहा कि उद्यानिकी से बुंदेलखंड की तकदीर बदल सकती है। यह प्रशिक्षण निश्चित ही आप किसानों को सब्जियों की खेती में लाभ पहुंचाएगा। विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य शिक्षा व शोध है लेकिन हमारे वैज्ञानिक यह दोनों कार्य के अलावा किसानों को विभिन्न प्रशिक्षण भी समय-समय पर देते हैं, जिससे कि यहां के किसानों की आय दुगनी हो और किसान समृद्ध बने।
उन्होंने किसानों से कहा कि सब्जी उगाना सरल है। लेकिन उनकी मार्केटिंग करना कठिन है। सब्जी विज्ञान वैज्ञानिकों से कहा कि प्रशिक्षण के साथ-साथ उन सब्जियों को अच्छे दाम मिले इसकी जानकारी भी किसानों को अवश्य दें।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों को सब्जियों की खेती में नवाचारिक तरीकों का प्रयोग सिखाया है, जो कि उनकी आय में वृद्धि करने में मदद करेगा। यह प्रशिक्षण सब्जियों की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा और उन्हें बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त होगा।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसान नए विधियों को सीख सकते हैं, जिससे उनकी खेती में सुधार होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, सब्जियों की उपयोगिता और मूल्य के मामले में भी सुधार होगा, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा।
डॉ. अशोक कुमार सिंह ने इस प्रशिक्षण के महत्व को बताया और कहा कि उद्यानिकी से बुंदेलखंड की तकदीर बदल सकती है। यह प्रशिक्षण निश्चित ही आप किसानों को सब्जियों की खेती में लाभ पहुंचाएगा। विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य शिक्षा व शोध है लेकिन हमारे वैज्ञानिक यह दोनों कार्य के अलावा किसानों को विभिन्न प्रशिक्षण भी समय-समय पर देते हैं, जिससे कि यहां के किसानों की आय दुगनी हो और किसान समृद्ध बने।
उन्होंने किसानों से कहा कि सब्जी उगाना सरल है। लेकिन उनकी मार्केटिंग करना कठिन है। सब्जी विज्ञान वैज्ञानिकों से कहा कि प्रशिक्षण के साथ-साथ उन सब्जियों को अच्छे दाम मिले इसकी जानकारी भी किसानों को अवश्य दें।
प्रशिक्षण लेने वाले किसान, उद्यानिकी एवं वानिकी के वैज्ञानिकों के साथ ही उपस्थित रहे, और उन्होंने इस कार्यक्रम का संचालन भी किया।
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