चंदेल काल की 62 ऐतिहासिक धरोहरों के बहुरेंगे दिन, पर्यटन का हब बनेगा बुंदेलखंड, प्लान तैयार
पुरातत्व एवं पर्यटन डिपार्टमेंट ने बुन्देलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र की सैकड़ों साल पुरानी चंदेलकालीन पांच दर्जन से अधिक धरोहरों को अब संवारने और उन्हें पयर्टन स्थल के दायरे में लाने का फैसला लिया है। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों की मदद लेकर स्मारक मित्र बनाए जाएंगे।
हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड (Bundelkhand) में 5 दर्जन से अधिक चंदेलकालीन ऐतिहासिक धरोहरों को अब चमकाने की तैयारी पर्यटन डिपार्टमेंट ने की है। ये धरोहरें सैकड़ों साल पुरानी हैं जो देखरेख न होने के कारण बदहाल हो गई हैं। बुन्देलखंड के हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, जालौन और झांसी में सर्वाधिक ऐतिहासिक धरोहरें हैं जो दशकों से बदरंग हैं। इन धरोहरों में सैकड़ों साल पुराना अतीत भी छिपा है। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. एमके यादव ने बताया कि डिपार्टमेंट ने बुन्देलखंड के 5 जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों को अब संवारने का फैसला लिया है। इसके लिए स्थानीय लोगों की मदद से स्मारक मित्र बनाए जाएंगे, जिससे ये स्मारक मित्र भी डिपार्टमेंट के काम में मदद कर सकें।
उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार की मंशा है कि बुन्देलखंड की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण पीपीपी माडल के मुताबिक कराया जाए। विश्व धरोहर सप्ताह में बुन्देलखंड (Bundelkhand) के आम लोगों को धरोहरों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इन ऐतिहासिक धरोहरों को संवारने के साथ पर्यटन स्थल के रूप विकसित किया जाएगा, जिससे यहां के लोग धरोहरें देखकर अपने बुजुर्गों की निष्ठा से सीख ले सकें।
बुन्देलखंड (Bundelkhand) की ऐतिहासिक धरोहरों के पास ही खुलेंगे योग केन्द्र
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी ने बताया कि बुन्देलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र में 62 ऐतिहासिक धरोहरें हैं जिनके पास ही योग केन्द्र और बड़े प्रतिष्ठान खोले जाएंगे। इससे यहां आने वाले विदेशी पयर्टक बुन्देलखंड के लोगों के शौर्य गाथा के बारे में जान सकें। उन्होंने बताया कि विदेश से आने वाले लोग बुन्देली धरोहरों को लेकर हमेशा उत्सुक रहते हैं। लिहाजा यहां की वीरता की गाथाएं विलुप्त न होने दी जाएंगी। केन्द्र और सूबे की सरकार बुन्देलखंड की धरोहरों को लेकर गंभीर है क्योंकि इस क्षेत्र का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है।
बुन्देलखंड (Bundelkhand) की सैकड़ों साल पुरानी धरोहर के लिए अधिसूचना जारी
शासन ने हमीरपुर जिले में राठ क्षेत्र के बसेला गांव की ऐतिहासिक हवेली और जिंगनी गांव की गढ़ी (किला) को संरक्षित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह ऐतिहासिक गढ़ी आज भी लोगों के लिए आर्कषण का केन्द्र बिन्दु है। इसके अलावा राज्य पुरातत्व विभाग ने 15 स्थलों को भी संरक्षित करने के लिए अधिसूचना जारी की है। महोबा में कुलपहाड़ तहसील स्थित सेनापति महल और चित्रकूट में कर्वी स्थित गोल तालाब समेत अन्य स्थल शासन के फैसले के बाद अब जल्द ही पर्यटन स्थल के दायरे में आएंगे।
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