Mahoba News: बुंदेली लोक विधाओं के नाम रही फिल्म फेस्टिवल की दूसरी शाम
महोबा। फिल्म फेस्टिवल खजुराहो की दूसरी शाम बुंदेली लोक संस्कृति के नाम रही। महोबा की लखनलाल एंड पार्टी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। इस दौरान बुंदेली लोक विधा दिवारी नृत्य और पाई-डंडा की प्रस्तुति खासी सराही गई। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान मुंबई से आए कलाकार बुंदेली लोक विधाओं की प्रस्तुति देख मंत्रमुग्ध हो गए।
विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में चल रहे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस बार बुंदेली लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। फेस्टिवल के आयोजक व बुंदेलखंड विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजा बुंदेला ने बुंदेली लोककलाओं की प्रस्तुति के लिए महोबा की लखनलाल लोकनृत्य समिति के कलाकारों को आमंत्रित किया था। फेस्टिवल के मंच पर रविवार की शाम प्रस्तुतियां शुरू हुईं तो दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए।
कलाकार लखनलाल यादव, विपिन यादव, रामजी, धर्मेंद्र, मकरंद, हेमंत, निखिल, शिवम, अभिषेक, जगत, धीरेंद्र व राहुल ने वाद्ययंत्रों के साथ बुंदेली लोक नृत्य दिवारी की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। इसके बाद पाई-डंडा की प्रस्तुति हुई। प्रस्तुति के दौरान दर्शक अपनी जगह जमे रहे। फिल्मनगरी मुंबई से आए सिने अभिनेताओं ने बुंदेली लोक विधाओं की प्रस्तुतियों का खासा लुत्फ उठाया। देर रात तक चली प्रस्तुतियों के दौरान बुंदेली लोक विधाओं की धूम रही।
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