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2005 में हुई थी केन बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत

चुनाव से पहले एमपी-यूपी को बड़ी सौगात, पीएम मोदी नवंबर में दिखाएंगे हरी झंडी

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बीच बीते 16 सालों से विवादों में केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट योजना को अब हरी झंडी मिलना तय हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नवंबर में केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट (ken betwa link pariyojna ) की शुरुआत करेंगे. 45 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा. केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को शुरू करने को मंजूरी दे दी है. नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और एमपी के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी. प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि केन बेतवा लिंक परियोजना पर केंद्र और यूपी-एमपी राज्य की सहमति बन गई है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे.

यूपी चुनाव से पहले देश की इंटरलिंक रिवर प्रोजेक्ट योजना की शुरुआत होने पर मंत्री सिलावट ने कहा कि यह चुनाव के लिहाज से नहीं बल्कि एमपी और यूपी के बुंदेलखंड को सूखे से राहत देने का प्रोजेक्ट है. इसे चुनाव से जोड़ना ठीक नहीं है. लेकिन अब दोनों राज्यों के बीच कोई विवाद नहीं है और नवंबर से प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा.

2005 में हुई थी केन बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत

दरअसल, बुंदेलखंड में सूखे के संकट को दूर करने के लिए केन बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत 2005 में हुई थी. लेकिन इस परियोजना को 16 साल बीतने के बाद अब आकार लेने के आसार नजर आ रहे है. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जल संकट को दूर करने वाली नदी जोड़ो या परियोजनाएं विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करार पत्र पर हस्ताक्षर कर परियोजना को औपचारिक मंजूरी दे दी थी. लेकिन अब इसकी शुरुआत इस साल के आखिरी से होने जा रही है जब उत्तर प्रदेश में चुनाव करीब है.

कांग्रेस में 16 साल से अटकी परियोजना को चुनाव के ठीक पहले शुरू करने को चुनावी प्रचार का एक हिस्सा बताया है. बहरहाल, पानी के बंटवारे से लेकर कई मुद्दों पर एमपी और यूपी के बीच चल रहा विवाद अब खत्म हो चुका है. इस परियोजना के शुरू होने पर बुंदेलखंड को सूखे से निजात मिलेगी. साथ ही देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत होगी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के जनपद बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर, हमीरपुर में सिंचाई व्यवस्था देने और झांसी महोबा ललितपुर हमीरपुर में पेयजल के लिए 21 लाख की जनसंख्या को पानी मुहैया कराने समेत मध्यप्रदेश की बड़ी आबादी तक पानी पहुंचने का प्लान तैयार किया था, जिसके अब पूरा होने के आसार है,

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