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RAJPAL YADAV Worship MAA Pitambara - फिल्मी अभिनेता और कॉमेडियन राजपाल यादव गुरुवार को दतिया पहुंचे, जहां उन्होंने पीतांबरा पीठ में पूजा-अर्चना की. बता दें कि राजपाल यादव भूल भुलैया-3 की शूटिंग ओरछा में कर रहे हैं

 


माँ पीताम्बरा के दरबार की अद्भुत दिव्यता और रहस्य

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित माँ पीताम्बरा का पवित्र दरबार, एक ऐसा स्थान है जहाँ भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। इस पूजनीय स्थान का रहस्य अब तक अनसुलझा है, क्योंकि कोई भी इसके रहस्यों को पूरी तरह नहीं जान पाया है।


माँ पीताम्बरा चतुरभुज रूप में विराजमान हैं। उनके एक हाथ में गदा, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में वज्र और चौथे हाथ में दैत्य की जीभ है। भक्तगण माँ के दर्शन एक छोटे से झरोखे से करते हैं, क्योंकि प्रतिमा को छूना यहाँ निषिद्ध है।



इस पीठ की स्थापना 1935 में एक गुमनाम संत स्वामी जी महाराज द्वारा की गई थी। इसके बाद माँ पीताम्बरा पीठ की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई। यहाँ वर्ष भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के समय लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहाँ पहुँचते हैं।

 यह पीठ तंत्र-मंत्र और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है और स्वामी जी की घोर तपस्या और जाप के कारण इसे सिद्ध पीठ का दर्जा प्राप्त है। माँ पीताम्बरा का वास्तविक जन्मस्थान, नाम और कुल अब भी रहस्य बने हुए हैं।

 माँ पीताम्बरा, जिन्हें माँ बगलामुखी के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ विशेष रूप से पूजी जाती हैं और उन्हें पीली वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं और भक्तगण पीले वस्त्र भेंट करते हैं। यह स्थान राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जहाँ हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह आशीर्वाद लेने आए। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नियमित रूप से यहाँ आते रहते हैं।



माँ पीताम्बरा के साथ-साथ इस पीठ में अन्य महत्वपूर्ण देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं। पास में ही खंडेश्वर महादेव स्थित हैं, जिनकी तांत्रिक रूप में पूजा होती है। महादेव के दरबार से बाहर निकलते ही दस महाविद्याओं में से एक माँ धूमावती का मंदिर है। माँ धूमावती के दर्शन केवल आरती के समय ही किए जा सकते हैं, क्योंकि अन्य समय में मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं।

 मंदिर परिसर में परशुराम, हनुमान, काल भैरव और अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं, जो एक समग्र आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।

 माँ पीताम्बरा का दरबार आस्था का एक प्रतीक है, जहाँ दिव्य उपस्थिति गहराई से महसूस होती है और अनगिनत   भक्तों की इच्छाएँ पूरी होती हैं।

 

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