Chhatarpur News : जिले में अच्छी बारिश की वजह जंगल कम होने के साथ ही सबसे बड़ा कारण है, कि जिले के लवकुशनगर, गौरिहार इलाके के पहाड़ों का खनन कर उन्हें खाइयों में बदल दिया गया है। ऐसे में जिले में बनने वाले 40 किलोमीटर के एरिया वाले छोटे सर्कु लेशन से बारिश थम गई है।
जिले में बारिश का सिस्टम लगातार ध्वस्त होता जा रहा है। छतरपुर से पूर्व, पश्चिम, दक्षिण दिशा में क्रमश: 75 किलोमीटर दूर पन्ना, 100 किलोमीटर टीकमगढ़, 150 किलोमीटर दूर दमोह जिले में जमकर बारिश हो रही है। लेकिन छतरपुर जिले में औसत बारिश हर साल घट रही है। क्योंकि जिले में अच्छी बारिश की वजह जंगल कम होने के साथ ही सबसे बड़ा कारण है, कि जिले के लवकुशनगर, गौरिहार इलाके के पहाड़ों का खनन कर उन्हें खाइयों में बदल दिया गया है। ऐसे में जिले में बनने वाले 40 किलोमीटर के एरिया वाले छोटे सर्कु लेशन से बारिश थम गई है।
ऐसे दूसरे जिले में बरस रहे हमारे बादल
खजुराहो एरिया में बनने वाले लो प्रेशर बादल हवा के साथ पन्ना की घाटी की ओर खिंच जाते हैं। जिससे खजुराहो-राजनगर-बमीठा, चंद्रनगर इलाके में बनने वाले घने काले बादल हमारे जिले में न बरस कर पन्ना की घाटी व पन्ना में जाकर बरस रहे हैं। इसी तरह छतरपुर से लवकुशनगर-गौरिहार इलाके में बनने वाले लो प्रेशर के बादल पहले महोबा जिले के बॉर्डर पर मौजूद बड़े बड़े पहाड़ों से टकराकर हवा के साथ वापस हमारे जिले में आते और उनसे गौरिहार, लवकुशनगर, छतरपुर में बारिश होती थी। लेकिन अब ये पहाड़ खत्म होने से लो प्रेशर बादल वापस हमारे जिले में न आकर महोबा जिले में बारिश कर रहे हैं। यही वजह है कि छतरपुर में उत्तर दिशा से आने वाले बारिश के बादल यानि महोबिया बादलों की बारिश अब नहीं होती है। ऐसे ही नौगांव-हरपालपुर इलाके में बनने वाले बादल हरपालपुर इलाके जंगल व पहाड़ों से टकराकर नौगांव की ओर खिंचते और बारिश होती थी, लेकिन इस इलाके में जंगल कम हो जाने और पहाड़ों के खनन से लो प्रेशर के बादलों की बारिश घट गई है।
छोटे लो प्रेशर एरिया से जिले में अलग-अलग इलाके में बारिश के आंकड़े अलग
जिले में छोटे-छोटे सर्कुलेशन से केवल खंड वर्षा हो रही है। यहीं वजह है कि जिले में अलग-अलग इलाके में बारिश के आंकड़े अलग-अलग हैं। छोटे-छोटे लो प्रेशर एरिया में अधिकतम 40 किलोमीटर तक की दूरी शामिल होती है। ऐसे में इन बादलों से बारिश होने पर किसी इलाके विशेष में थोड़ी बहुत बारिश होती है। यही वजह है कि जिले में सबसे अधिक वन क्षेत्र वाले बकस्वाहा, बड़ामलहरा, बिजावर इलाके में सबसे अच्छी बारिश हो रही है। वहीं, कम वन क्षेत्र वाले छतरपुर,नौगांव, राजनगर इलाके में मध्यम बारिश और सबसे ज्यादा उत्खनन वाले लवकुशनगर, गौरिहार इलाके में सबसे कम बारिश दर्ज हो रही है।
बड़े सर्कुलेशन बनने पर ही पूरे जिले में बारिश
मानसून के जब बड़े सर्कुलेशन बनते है, तभी पूरे जिले में बारिश होती है। ये बड़े सर्कुलेशन कई जिलों तक फैले होते है। जैसा कि शनिवार की रात से रविवार की शाम तक सिस्टम बना था। इस दौरान न केवल छतरपुर जिले में बल्कि दमोह, पन्ना, टीक मगढ़ में भी बारिश हुई। मानसून के बड़े सर्कुलेशन बनने पर ही छतरपुर जिले के सभी इलाकों में बारिश हो रही है।
वर्षा मापी केंद्र अब तक बारिश
छतरपुर 15 इंच
लवकुशनगर 8.5 इंच
गौरिहार 9.8 इंच
बिजावर 18.4 इंच
नौगांव 16.3 इंच
राजनगर 26.3 इंच
बड़ामलहरा 25.6 इंच
बकस्वाहा 28.1 इंच
इनका कहना है
वन क्षेत्र कम होने, पहाड़ों का उत्खनन होने से लो प्रेशर वाले छोटे सर्कुलेशन का टर्फ एरिया चेंज हो जाता है। इससे बादल कहीं बन रहे, बारिश कहीं हो रही है। जिले में बड़े सर्कुलेशन बनने पर ही अच्छी बारिश हो रही है। लो प्रेशन वाले छोटे सर्कुलेशन से खंड बारिश के चलते ही जिले में असमान बारिश दर्ज हो रही है।
आरएस परिहार,प्रभारी, मौसम केंद्र खजुराहो
साभार : पत्रिका
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