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Damoh : साइकिल पर जूते और घुटनों तक पेंट, ऐसे कीचड़ से होकर स्कूल जाते हैं टपरिया गांव के बच्चे

Damoh News : छात्रों के साथ आए उनके परिजनों ने बताया कि ग्राम टपरिया में मुख्य समस्या सड़क की है। बारिश के दिनों में मुख्य मार्ग पर कीचड़ हो जाता है। जिस कारण बच्चे पढ़ाई के लिए गांव से नहीं निकल पा रहे हैं। थोड़ी देर की बारिश में गांव का रास्ता बंद हो जाता है। समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।

                                             


दमोह जिले की पटेरा जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्रामपंचायत निमरमुंडा के ग्राम टपरिया में ग्रामीणों और छात्रों को सड़क न होने के कारण कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। स्थिती यह है कि छात्रों को अपनी साइकिल पर जूते-चप्पल टांगकर, पेंट को घुटनों तक मोड़कर कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है, तब वे स्कूल जा पाते हैं। लगातार बारिश होने पर छात्र हफ्तों तक स्कूल ही नहीं जा पाते हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में यह छात्र अपने परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को आवेदन देकर कहा कि सर! हमारे गांव में सड़क बना दीजिए। अब कीचड़ से होकर स्कूल नहीं जाया जाता। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि शीघ्र उनके गांव में सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

छात्रों के साथ आए उनके परिजनों ने बताया कि ग्राम टपरिया में मुख्य समस्या सड़क की है। बारिश के दिनों में मुख्य मार्ग पर कीचड़ हो जाता है। जिस कारण बच्चे पढ़ाई के लिए गांव से नहीं निकल पा रहे हैं। थोड़ी देर की बारिश में गांव का रास्ता बंद हो जाता है। सरपंच, सचिव द्वारा किसी भी प्रकार से समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।

छात्रा रोशनी लोधी, गायत्री लोधी, राधा लोधी ने बताया कि लड़के अपने जूते साइकिल पर टांगकर, पेंट को घुटनों तक मोड़कर कीचड़ से निकलकर स्कूल जाते हैं और हम लोग भी इसी तरह कीचड़ से होते हुए निकलते हैं। आगे एक नाला भी है जहां पुल नहीं है।

महिलाओं ने बताया कि बारिश के दिनों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता भी महीनों तक हमारे गांव टपरिया नहीं आती हैं। जिस कारण गर्भवती महिलाओं और बच्चों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, स्वास्थय सुविधाओं के अभाव में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने आवेदन देते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक न तो कभी ग्रामपंचायत खोलते हैं और न ही कभी ग्राम टपरिया आते हैं। जिस कारण से हम लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने छात्रों और ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद शीघ्र ही हल कराने का आश्वासन दिया।

साभार : अमर उजाला 


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