हमीरपुर ज़िला बार एसोसिएशन ने केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे के विरोध में आज कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया और कोर्ट से सम्बंधित सभी कार्यो का बहिष्कार किया. बार एसोसिएशन का मानना है कि इस काले कानून के चलते वकीलों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसका सभी विरोध करते हैं. आपको बता दें कि केंद्र सरकार 1961 के अधिवक्ता कानून में संशोधन करने जा रही है. वकीलों का एक बड़ा तबका इस संशोधन का विरोध कर रहा है.
सोमवार सुबह दस बजे न्यायिक परिसर के बाहर जिला बार एसोएिसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार की अगुवाइ्र में दर्जनों वकीलों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अधिवकता संशोधन बिल को वापिस लेने की मांग की. हमीरपुर बार एसोसिएशन ने प्रस्तावित मसौदे में वकीलों की हितों की अनदेखी करार देते हुए कहा कि अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक-2025 का मसौदा कानून मंत्रालय ने जारी किया है. जिसका विरोध वकीलों द्वारा किया जा रहा है और आज अदालत के काम का बहिष्कार किया गया.
प्रदेश बार काउंसिल के उप प्रधान एडवोकेट रोहित शर्मा ने कहा कि सरकार के द्वारा इस को होल्ड करने की बात की जा रही है लेकिन बार एसोसिएशन की मांग है कि इसे वापस लिया जाए जिस तरह सरकार ने कृषि कानून वापस लिया था. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले इस वर्ग के साथ सरकार कुठाराघात करने की कोशिश कर रहा है जिसे सहन नहीं किया जाएगा.
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक-2025 के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार को ही प्रस्ताव परित्कार इस कानून के खिलाफ आज कोर्ट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था जिसके चलते आज कोर्ट के बाहर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के अलावा सभी कार्यों का बहिष्कार भी किया गया. उन्होंने कहा कि हालांकि आज सुबह इस कानून को होल्ड करने की बात की जा रही है मगर अभी तक लिखित रूप में कुछ भी सामने नहीं आया है इसके चलते आज हड़ताल की गई.
प्रदेश बार काउसिल के प्रदेश उपाध्यक्ष रोहित शर्मा ने कहा कि बार काउसिंल के अंदर सरकार के नुमाइदें वकीलों की शिकायतों को सुनने के लिए कहा जा रहा है जो कि ठीक नही है.उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी नए बिल का विरोध करते है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति मुकदमा हार जाता है तो व्यक्ति वकीलों पर मुकदमा कर सकता है जिसका वकील पूरी तरह से विरोध करते है. रोहित शर्मा ने कहा कि देश में हर संस्थान को खत्म करने का काम सरकार कर रही है लेकिन केवल मात्र वकील की हर वर्ग के साथ खडा रहता है और अब वकीलों के उपर भी कानून बनाया जा रहा है जो कि नहीे होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार ने इस बिल को होल्ड कर दिया है लेकिन अगर दोबारा बिल को लाने की कोशिश की गई तो वकील सडकों पर उतरेंगें.
प्रदेश बार कॉउन्सिल
प्रदेश बर काउंसिल के उपाध्यक्ष एडवोकेट रोहित शर्मा ने ने केन्द्र सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर अधिवक्ता संशोधन बिल को वापिस न लिया तो वकील सडकों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि शिमला में प्रदेश बार काउंसिल की एक विशेष बैठक कल आयोजित की जाएगी जिसमें आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को भी बुलाया गया है.
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