चिरैया के लोकगीत बुंदेलखंड की लोक संस्कृति का अहम् हिस्सा हैं। ये गीत चिड़ियों के माध्यम से प्रेम, विरह और जीवन की भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इन गीतों को त्यौहारों और शुभ अवसरों पर गाया जाता है। यहाँ के लोगों में ये गीत काफी लोकप्रिय हैं, जिनमें जनजीवन का खूबसूरत चित्रण शामिल है।
दो सरल पंक्तियाँ:
उड़ चली चिरैया अंबर में, छोड़ गई पीया के आँगन में।
पंख लगाए सपने देखे, नदिया पार चलो रे मेरे।
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