सागर: आने वाले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश के बीच बुंदेलखंड का सागर बड़ा केंद्र बिंदु बनकर उभरेगा. सागर से लखनऊ तक का सफर भी बेहद आसान हो जाएगा. 50 मिनट का वक्त कम लगेगा. यूं कहें कि सागर दो बड़ी राजधानियों के बीच सेतु का काम करेगा. एमपी-यूपी इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत सागर-कबरई फोरलेन प्रोजेक्ट का काम तेज गति से चल रहा है. इस हाईवे का बड़ा हिस्सा बुंदेलखंड से गुजर रहा है, इसिलए यहां के कई जिलों को बड़ा फायदा मिलेगा.
नेशनल हाईवे-34 पर सागर से कानपुर तक कबरई-सागर मार्ग को फोरलेन बनाया जा रहा है. सागर से कबरई (महोबा) तक 232 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 5 फेज में किया जा रहा है. इसकी लागत करीब 4000 करोड़ है. फेज-2 में होने वाले निर्माण के लिए हीरापुर साठिया घाट इलाके में निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं, फेज-1 में सागर से मोहारी तक काम जारी है, जो करीब 38 KM का फोरलेन बड़ा मलहरा तक बन रहा है. इसी तरह 5 फेज में यह काम पूरा होगा.
जमीन के दाम बढ़ेंगे, रोजगार मिलेगा
सागर से कानपुर तक फोरलेन हाईवे बनाने के लिए अप्रैल 2023 में डीपीआर मंजूर की गई थी. इसको वर्ष-2026 तक तैयार करना है, लेकिन 2027 तक इसके पूरा होने की संभावना है. कानपुर और भोपाल के बीच इस कॉरिडोर के पूर्ण होने से व्यापारिक कारोबार बढ़ेगा. बुंदेलखंड क्षेत्र में इस कॉरिडोर का सबसे ज्यादा लंबा हिस्सा है, जिसके कारण सागर, छतरपुर समेत दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा. बताया जा रहा है कि कॉरिडोर गुजरने की वजह से इन जिलों में जमीनों के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं. हाईवे के अलग-बगल कई बड़ी कंपनियां आएंगी, जिससे रोजगार बढ़ेगा. इसके अलावा शॉपिंग मॉल आदि योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है.
यहां काम भी पूरा…
सागर से कबरई (महोबा) तक 232 KM लंबी सड़क का निर्माण 5 फेज में किया जा रहा है. पहले फेज के तहत सागर से मोहारी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाईवे का काम NHAI की सागर इकाई के अधीन है. इधर भोपाल से सागर के बीच भी अलग-अलग फेज में फोरलेन का निर्माण किया जाना है. इसका टेंडर जारी हो चुका है. ग्यारसपुर से राहतगढ़ के बीच तो काम भी शुरू हो गया है.
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