दमोह जिले के जबेरा जनपद के ग्राम सिग्रामपुर में शिक्षक मूरत सिंह ठाकुर के घर के आंगन में ब्रह्मकमल का फूल खिला है। जिसे देखने बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लग रही है, क्योंकि यह अनोखा फूल 12 साल में एक बार खिलता है और विरले ही लोग उसके दर्शन कर पाते हैं क्योंकि 12 साल का लंबा इंतजार बहुत बड़ा होता है। केवल रात में वह खिलता है।
यह फूल अपनी दुर्लभता और सौंदर्य के लिए जाना जाता है। ब्रह्म कमल को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल माना जाता है और यह केवल पहाड़ी इलाकों में ठंडी जगहों पर उगता है, लेकिन दमोह के सिग्रामपुर गांव के जिस घर में यह फूल खिला है उसे लोग खुशनसीब ही मान रहे हैं। लोगों का मानना है कि जिस घर में ब्रह्म कमल फूल खिलता है, वह सौभाग्यशाली होता है और घर में सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। शिक्षक मूरत सिंह ने नौ साल पहले इस फूल के पौधे को अपने घर पर लगाया था। उसके तीन साल पहले वह कहीं और लगा था और इतने साल के लंबे इंतजार के बाद उनके घर के आंगन में दुर्लभ ब्रह्म कमल फूल खिला है। ब्रह्म कमल जमीन पर पत्तियों से उगता है, जबकि अन्य कमल के फूल पानी में खिलते हैं। कहा जाता है इसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं और यह फूल भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।
शिक्षक के पड़ोसी पंडित धरनीधर तिवारी ने बताया कि ब्रह्म कमल 12 साल में खिलता है। रात में तापमान कम होने पर खिलता है, लेकिन सुबह होते ही इसका फूल बंद हो जाता है। इस फूल में ब्रह्म और लक्ष्मी का वास माना जाता है। जिस घर में यह फूल खिलता है वहां नकारात्मकता खत्म हो जाती है और सकारात्मकता आती है। ब्रह्म कमल फूल खिलने की जानकारी होने पर आसपास के कई लोग इसके दर्शन के लिए पहुंचे। शिक्षक मूरत सिंह ने बताया कि पूरे साल ब्रह्म कमल के पौधे की पूजा करता हूं और 12 साल के लंबे इंतजार के बाद के खिले ब्रह्म कमल फूल को शिवालय में अर्पित किया गया।
साभार : अमर उजाला
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