उरई। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-व्हीकल) के लिए डाकोर और छिरिया सलेमपुर में दो चार्जिंग स्टेशन शुरू हो गए हैं। इनकी क्षमता 310 किलोवाट है। अब जिले में कुल चार चार्जिंग स्टेशन चालू हैं। जिले 25 चार्जिंग स्टेशन बनवाए जाने हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों के लिए अब यह बड़ी राहत होगी क्योंकि अक्सर सफर के दौरान चार्जिंग खत्म होने की स्थिति में उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कई वाहन चालक बीच रास्ते में चार्जिंग प्वाइंट न मिलने की वजह से घंटों फंसे रहते थे। कभी-कभी तो रात भर वहीं रुकने की मजबूरी होती थी।
इन चार्जिंग स्टेशनों को हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियां अपने पेट्रोल पंपों पर स्थापित कर रही हैं। इसके लिए कंपनियों ने बिजली निगम से विशेष कनेक्शन की मांग की है। बताया जा रहा है कि अधिकांश चार्जिंग प्वाइंट 34 केवीए से लेकर 60 केवीए से ऊपर की क्षमता वाले होंगे। आवेदन आने पर निगम ने इन्हें स्वीकृत भी कर दिया है।
बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता नंदलाल का कहना है कि जो आवेदन आए थे, उनको स्वीकृत कर दिया गया है। जिले में कुल 25 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे।
40 मिनट से एक घंटे में फुल चार्ज
नए चार्जिंग स्टेशनों पर आधुनिक फास्ट चार्जिंग तकनीक का उपयोग किया गया है। यहां एक इलेक्ट्रिक वाहन 40 मिनट से एक घंटे के भीतर पूरी तरह चार्ज हो सकता है। प्रति यूनिट चार्जिंग का खर्च 14 से 15 रुपये के बीच रहेगा। इस दर से वाहन मालिकों को पेट्रोल-डीजल की तुलना में काफी सस्ता और पर्यावरण अनुकूल विकल्प मिलेगा।
सरकार का जोर ई-वाहनों पर
प्रदेश सरकार लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। इसके तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और जिले के प्रमुख मार्गों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने का मकसद यह है कि ई-वाहनों के मालिक बिना किसी चिंता के लंबी दूरी की यात्रा कर सकें। शहर में भी चार्जिंग प्वाइंट शुरू हो चुके हैं, जबकि जिले की सीमाओं से लेकर अंतिम प्वाइंट तक जल्द ही इनका नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
साभार : अमर उजाला
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