चित्रकूट के पास स्थित मड़फा (Marpha) इतिहास, अध्यात्म और रहस्य का अनोखा संगम है। यह वही भूमि है जहाँ ऋषि भृगु, च्यवन और विश्वामित्र ने तपस्या की थी — जिससे यह स्थान सदियों से ऋषि-मुनियों का तपोवन माना जाता है। मड़फा का किला चंदेल राजाओं के आठ प्रमुख दुर्गों में से एक था, जिसकी जटिल संरचना आज भी शोधकर्ताओं को आकर्षित करती है। इसी दुर्ग में तीन प्राचीन जैन मंदिरों के अवशेष और दुर्लभ पंचमुखी महादेव की मूर्ति मौजूद हैं, जो इसके धार्मिक और ऐतिहासिक वैभव की गवाही देते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य और रहस्यमयी खंडहरों के बीच बसा यह स्थल अब उत्तर प्रदेश सरकार की इको-टूरिज्म योजना के तहत नया जीवन पाने जा रहा है — लेकिन इसकी कठिन पहुँच और अबूझ गलियाँ इसे आज भी एक ‘अनदेखा खज़ाना’ बनाए हुए हैं।
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