Chitrakoot: ठंड की मार, इंतजाम लाचार शीतलहर ने बढ़ाई मुश्किलें

चित्रकूट में इन दिनों कड़ाके की ठंड लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। शीतलहर का असर गांव से लेकर शहर तक साफ दिखाई दे रहा है। गांवों में पाला गिरने से हालात और भी कठिन हो गए हैं। सुबह और रात के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों के सहारे खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।


रैन बसेरों का इंतजार

ठंड से बचाव के लिए अस्थायी रैन बसेरों की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकिन शहर और कस्बों में अभी तक इनकी व्यवस्था पूरी तरह नजर नहीं आ रही है। मजबूरी में कई लोग खुले आसमान के नीचे या दुकानों के बरामदे में रात गुजार रहे हैं। खासकर मजदूर, यात्री और बेसहारा लोग ठंड में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

अलाव से मिली थोड़ी राहत

प्रशासन की ओर से कुछ प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाए गए हैं। इससे लोगों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है। शाम ढलते ही लोग अलाव के आसपास जुट जाते हैं और ठंड से बचने की कोशिश करते हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि यह व्यवस्था सभी इलाकों तक नहीं पहुंच पा रही है।

कोहरे और सर्द हवाओं का असर

सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है। सर्द हवाएं भी चल रही हैं, जिससे ठंड और बढ़ जाती है। इसका असर आम जनजीवन पर साफ दिख रहा है। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है और लोग जल्दी घरों में सिमटने को मजबूर हो जाते हैं।

यात्रियों की बढ़ी परेशानी

ठंड और कोहरे का असर रेल और बस सेवाओं पर भी पड़ रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। स्टेशन और बस अड्डों पर ठंड में समय बिताना लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। प्रयागराज की ओर यात्रा कर रहे यात्री सुमन तिवारी ने बताया कि ट्रेन के देरी से चलने के कारण उन्हें स्टेशन पर लंबा समय गुजारना पड़ा, जिससे काफी परेशानी हुई।

बेहतर इंतजाम की उम्मीद

स्थानीय लोग और यात्री प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि ठंड को देखते हुए रैन बसेरों और अन्य राहत इंतजामों को जल्द बढ़ाया जाएगा, ताकि ठिठुरन भरी रातों में लोगों को कुछ राहत मिल सके। 

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