10 वो सबसे चर्चित रेप केस, जिन्हें भुला नहीं पाएगा ये देश

क्रूरतम बलात्कार का शिकार हुई अरुणा शानबाग की 42 साल कोमा में रहने के बाद सोमवार को मौत हो गई। लेकिन अरुणा देश की अकेली ऐसी रेप पीड़िता नहीं जिसकी चर्चा देश दुनिया के मीडिया में हुई हो बल्कि 2012 में हुए दिल्ली रेप समेत कई ऐसे बलात्कार सामने आ चुके हैं जिसने देश को झकझोर कर रख दिया था।

समय गुजरने के साथ देश अपने साथ हुए अत्याचारों को कैसे भूल जाता है यह अंदाजा आपको आजाद भारत के इन 10 क्रूरतम रेप केसों को जानकर हो सकता है।

1- अरुणा शानबाग रेप केस

1973 में हुआ देश का पहला और सबसे चिर्चित रेप केस अरुणा शानबाग रेप केश है। इस केस में मुंबई की एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स अरुणा का अस्पताल के ही एक सफाई कर्मचारी सोहनलाल भर्था वालमीकि ने सोडोमी (अप्राकृतिक सेक्स) रेप किया था। लेकिन उस वक्त सोडोमी कानून में अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया था जिससे सोहनलाल पर रेप का केस नहीं दर्ज हो सका था। हालांकि अरुणा रेप के आरोपी सोहनलाल के खिलाफ लूट और हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज कियास गया था जिसके तहत उसे मात्र सात साल की जेल हुई। सात साल जेल में गुजारने के बाद सोहनलाल बेखौफ अपनी जिदगी जी रहा है।

2- मथुरा रेप केस

टॉपयाप्स ऑनलाइन के अनुसार, देश में महिलाओं के अधिकार के लिए आंदोलित करने वाला मथुरा रेप केस इतिहास का एक बड़ा रेप केस था। 1972 में महाराष्ट्रा के चंद्रपुर जिले में मथुरा नामकी आदिवासी लड़की का दो सिपाहियों ने बलात्कार किया था। इस मामले में उस लड़की के बारे में कहा गया उसे कई लोगों से संबंध बनाने की आदत है ‌और इसे मानते हुए जिला अदालत ने पुलिस वालों को बरी करने का फैसला सुनाया।

लेकिन महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था जिससे उन सिपाहियों को कोई सजा नहीं हो पाई थी।

न्याय व्यवस्‍था में मौजूद पुरुषवादी सोच ने महाराष्ट्र की महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूहों को आंदोलित कर दिया जिसके परिणाम में स्वरूप भारतीय दंड स‌ंहिता में बलात्कार को लेकर कानून में सुधार किया गया।

3- प्रियदर्शिनी मट्टू रेप और हत्या केस

भारतीय इतिहास में एक और रेप और हत्या का मामला 1996 में सामने आया। 25 साल की प्रियदर्शिनी मट्टू दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रही थी जिसका सतोष कुमार सिंह नामके शख्स ने उसी के घर में बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी थी।

इस केस में भी स्‍थानीय अदालत ने संतोष कुमार सिंह को बरी कर दिया था लेकिन मीडिया के दबाव के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने स्‍थानीय अदालत के फैसल पर रोक लगाते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।

माना जा रहा है कि किसी कोर्ट का यह पहला फैसला था जिसमें मीडिया के कारण किसी पीड़िता को न्याय मिला हो।

4- अंजना मिश्रा रेप केस


1999 में हुआ अंजना मिश्रा रेप केस पहला हाई प्रोफाइल रेप केस है। यह हाईप्रोफाइल रेप केस उड़ीसा में हुआ था। अंजना मिश्रा एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी थीं जिन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से राज्य के महान्यायाधिवक्ता इंद्रजीत राय के खिलाफ 1972 में रेप का प्रयास करने की शिकायत दी थी।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इंद्रजीत पर कोई कार्रवाई करने के बजाय उसका बचाव किया था। इसके बाद 1999 में भूवनेश्‍वर जा रही थी तभी तीन लोगों ने अंजना की पत्रकार दोस्त जिसके साथ वह यात्रा कर रहीं थीं के सामने सामूहिक बलात्कार किया था।

मामले की सीबीआई जांच होने के बाद महान्यायाधिवक्ता इंद्रजीत राय को रेप के प्रयास में तीन साल की जेल हुई। जबकि रेप करने वाले तीन आरोपियों में से दो को आजीवन कारावास की सजा हुई और एक आरोपी का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

5- सौम्या रेप केस

सौम्या केरल के एर्नाकुलम से शोर्नूर एक रेल से जा रही थीं तभी गोविंदाचामी नामके शख्स ने उन्हें लूटने के उद्येश्य से हमला किया था। इस मामले में आरापी ने सौम्या का सिर रेल के दरबाजे में दबाकर कुचल दिया था और फिर से उसे ट्रेन से नीचे फेक दिया था।

आरोपी गोविंदाचामी ने उसे ट्रेन से नीचे फेकने के बाद खुद भी कूद गया था। और फिर सौम्या की तलाश की और फिर पास के जंगल में ले जाकर उसकी बुरी तरह से बलात्कार किया था। ट्रेन से फेंके जाने और बलात्कार का शिकार हुई सौम्या को गंभीर चोंटे होने से कुछ दिन में मौत हो गई थी।

इधर गोविंदाचामी को अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई।

6- मुंबई गैंग रेप केस

हाल ही में हुए सबसे खतरनाक बलात्कार मामलों में मुंबई गैंग रेप का नाम आता है। इस मामले में एक 22 वर्षीय महिला पत्रकार के साथ पांच युवकों ने दरिंदगी दिखाई थी।

एक महिला पत्रकार जब अपने एक दोस्त के साथ एक पिछड़े इलाके में अपने असाइमेंट के लिए फोटोग्राफी के लिए गई तभी पांच युवकों कासिम बंगाली, सलीम अंसारी, चांद शेख, सिराज रहमान और विजय जाधव ने बारी- बारी से महिला से रेप किया।

इन दरिंदों ने महिला के साथी को भी बलात्कार में शामिल होने के लिए दबाव डाला लेकिन जब उसने इसके लिए मना कर दिया तो एक पेड़ से बांधकर उसकी पिटाई की। सभी आरोपी अभी जेल में हैं और मामले में कोर्ट का अंतिम फैसला आना बाकी है।

7- भंवरी देवी गैंगरेप

महिला विकास कार्यक्रम की एक छोटी सी कार्यकर्ता भंवरी देवी राजस्‍थान के भतेरी गांव में काम कर रही थीं। 1992 में जब उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ बोलना शुरू किया तो ऊंची जाति के पांच लोगों ने उनके साथ बलात्कार किया।

लेकिन भंवरी देवी को जब उसकी छोटी जाति का होने की वजह से न्याय नहीं मिला तो मीडिया ने इस मामले को खूब उछाला और भंवरी देवी के समर्थन में खबरें दिखाईं।

लेकिन भंवरी देवी को न्याय नहीं मिल पाया क्योंकि जिला अस्पताल में भंवरी देवी जब मेडिकल जांच के लिए गई जो पुरुष डॉक्टर ने महिला की जांच करने से मना कर दिया। और उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल को रेफर किया। सवाई मान सिंह अस्पताल में भंवरी जब पहुंची तो वहां कहा गया कि उसकी मेडिकल जांच जिलाधिकारी के आदेश पर ही किया जा सकता है लेकिन फिर जिलाधिकारी ने आदेश देने से मना कर दिया।

8- स्कारलेट कीलिंग रेप केस

2009 में अपने माता पिता के साथ ब्रिटेन से पर्यटन के लिए भारत आई 15 साल की स्कारलेट अपने भारतीय ब्यायफ्रेंड के साथ गोवा के बीच इलाके में गई जहां उसका बलात्कार किया गया और उसे समुद्र में डुबोकर मार दिया गया।

पास के इलाके में मौजद के स्कारलेट के परिवार ने उसे उसके दोस्त के साथ घूमने के लिए भेज दिया था। लेकिन मीडिया में इसे लेकर ऐसी खबरें आईं इलाके सभी लोग स्कारलेट के पहनावे और लाइफस्टाइल को ही दोषी ठहरा रहे थे।

लोग यहां के लोगों की मानसिकता को दोषी मानने के बजाए लड़की माता-पिता को ही लापरवाही के लिए दोषी ठहरा रहे थे। पीड़ित का विदेशी होने की वजह से अभी तक स्कारलेट के बलात्कारी को पकड़ा नहीं जा सका और न ही स्कारलेट को मिल सका।

9- इमराना रेप केस

2005 में हुए इमराना रेप केस अलग धर्म के लिए अलग कानून की नई समस्या देश के सामने खड़ी कर दी है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के एक गांव में इमराना का बलात्कार उसके ससुर ने ही किया था।

लेकिन इस मामले पर गांव के बुजुर्गों ने इसे सहमति का मामला माना और इमराना को फरमान सुनाया कि वह अपने पति को छोड़कर अब अपने ससुर को ही अपना पति माने।

लेकिन मामले को मीडिया के काफी तवज्जो देने पर मामला कोर्ट में पहुंचा। इमराना को न्याय देते हुए अदालत ने ससुर को 10 साल की सजा सुनाई।

10- निर्भया गैंग रेप केस

अब तक सबसे ज्यादा भयानक और क्रूरतम रेप केस दिल्ली रेप केस को माना जा रहा है। इस रेप में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक मेडिकल की छात्रा से दिसंबर 2012 को दरिंदगी दिखाई उसे शायद ही कोई भूल पाए।

इस मामले में पीड़िता के शरीर कई अति गंभीर चोंटे आई थी जिससे वह घटना के दो- तीन दिन बाद ही अस्पलात में दम तोड़ दिया था। इस मामले की कवरेज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में की गई।

मामले में दोषी नाबालिग को तीन साल के सुधार घर भेजा गया जबकि मुख्य आरोपी राम सिंह ने कथित तौर पर जेल में ही आत्महत्‍या कर ली थी। बाकी बचे चार  अपराध‌ियों को अदालत ने फांसी की सजा सुना चुकी है।

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