26 नवम्बर की ऐतिहासिक एवं स्वर्णिम तिथि जिला मुख्यालय छतरपुर में भी संविधान दिवस के रूप में समारोहपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर छतरपुर के ऑडिटोरियम भवन में आयोजित कार्यक्रम में भारत के संविधान की प्रस्तावनाका वाचन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा कराया गया। इस अवसर पर चंदला विधायक राजेश प्रजापति, पूर्व राज्यमंत्री ललिता यादव, एडीएम प्रेम सिंह चौहान, एसडीएम छतरपुर बी.बी. गंगेले, डिप्टी कलेक्टर प्रियांशी भंवर, महाराजा कॉलेज के प्राचार्य डी.पी. शुक्ला, जिला प्रशासन के अधिकारी सहित गणमान्य नागरिक तथा शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया तथा 26 जनवरी 1950 को पूर्णतः लागू किया गया।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने संविधान दिवस के अवसर पर भारत के संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराने और संविधान दिवस की शुभकामना देते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि नागरिकों को अपने अधिकार, कर्त्तव्य एवं दायित्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि जब हर नागरिक अपना उत्तरदायित्व निष्ठा से निभाएंगे, तब दे
हर क्षेत्र में ताकतवर होकर तेजी से आगे बढ़ सकेगा। इसके लिए नागरिक पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर्त्तव्य निभाते हुए देश को तरक्की के मार्ग पर पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि हमारा देश समृद्धशील एवं शांतिप्रिय देश तभी बनेगा जब यहां के सभी सामाजिक व्यक्ति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए देश की तरक्की के लिए सोचेंगे और पूरी निष्ठा से दायित्व निभाएंगे। उन्होंने नागरिकों को आव्हान करते हुए कहा कि सच्चे भारतीय एवं हिन्दुस्तानी नागरिक होने का फर्ज एवं दायित्व निभाएं और जहां हैं वहां अपनी जिम्मेवारी समझें और कर्त्तव्य परायण रहें। उन्होंने कहा कि स्थिति चाहे कितनी भी विपरीत हो व्यक्ति को स्वयं पर भरोसा करना एवं आत्मविश्वास बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास एवं सार्थक प्रयास से तथा निराशा के भाव को पीछे छोड़ते हुए धीरे-धीरे लक्ष्य तक पहुंचे तथा प्रदेश एवं देश को अपना घर समझते हुए शांति एवं समृद्धशील बनाने की दिशा में जुट जाएं और इस बात का प्रण लें कि विश्व में सबसे अच्छा शांतिप्रिय और ताकतवर देश बनाने की दिशा में जुट जाएं।
इस अवसर पर चंदला विधायक राजेश प्रजापति, पूर्व राज्यमंत्री ललिता यादव, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर संविधान दिवस का शुभारंभ किया गया।
चंदला विधायक राजेश प्रजापति ने 26 नवम्बर की ऐतिहासिक तिथि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व में अनूठा है। इसकी प्रस्तावना में ही सम्पूर्ण संविधान समाहित है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना की भावना को देश के लोगों को सार्थक रूप से समझना चाहिए। हमारा संविधान लचीला होने के साथ-साथ कठोर भी है और यह अभिव्यक्ति, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता भी देता है।
पूर्व राज्यमंत्री ललिता यादव ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारतीय संविधान की सारगर्भित जानकारी दी। उन्होंने संविधान सभा के मनोनीत सदस्य रामसहाय तिवारी के योगदान की भी सराहना की।
महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के प्राचार्य डी.पी. शुक्ला ने संविधान की आवश्यकता पर उद्बोधन देते हुए कहा कि हमारे देश का संविधान धर्म, भाषा और क्षेत्र में विविधता लिए हुए है और हमारे संविधान की मूल विशेषता है अनेकता में एकता। उन्होंने बताया कि संविधान सभा के लिए बुंदेलखण्ड के छतरपुर से रामसहाय तिवारी और टीकमगढ़ के चतुर्भुज पाठक सदस्य मनोनीत किए गए थे।
इस अवसर पर महाराज कॉलेज की छात्रा कविता राजे ने कहा कि भारतीय संविधान में इतना लचीलापन है कि अभिव्यक्ति जो अधिकार अग्रिम पंक्ति के व्यक्ति को है वही अधिकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व का आदर्श संविधान है। उन्होंने संविधान के बनने से लेकर स्वीकृत या अंगीकृत होने तक की सारगर्भित जानकारी दी।
काजल साहू ने देश के लोकतांत्रित गणतंत्र की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान प्रस्तावना में भाईचारा, समानता और स्वतंत्रता मुख्य है, जो भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा को बढ़ाती है।
हर्ष ताम्रकार ने कहा कि हमारे देश का संविधान नागरिकों को अधिकार एवं कर्त्तव्य से सशक्त करता है। हमारा संविधान विश्व में अनूठा होने के साथ-साथ देश की आन, बान एवं शान है और रहेगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का संचालन अनिल खरे ने किया।
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