दुर्लभ संयोग: एक ही दिन मनाई जाएगी छोटी और बड़ी दीपावली



इस बार विशेष संयोग है, जब चतुर्दशी (छोटी दीपावली) और दीपावली शनिवार को एक साथ मनायी जाएगी। वहीं, उदया तिथि होने के कारण धनतेरस का पर्व 13 नवंबर को मनाया जाएगा। कई लोग इस पर्व को 12 नवंबर को भी मनाएंगे। इस पर्व पर भगवान धनवंतरी के साथ ही धन के अधिपति देव कुबेर की पूजा होती है। साथ ही, लोग ज्वेलरी, बर्तन सहित अन्य गृह उपयोगी वस्तुएं भी खरीदते हैं। जो शुभ शगुन माना जाता है।
सनातन धर्म में पांच दिवसीय दीपोत्सव का बहुत महत्व है, जो धनतेरस से भाई दोज तक रहता है। घर-घर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना की जाती है। 
ज्योतिषविद् डॉ. नाथूराम पांडेय के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि 13 नवंबर की शाम 6 बजे से लगेगी। इसके बाद अमावस्या की तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:15 बजे से लगेगी। ऐसे में चतुर्दशी और दीपावली का त्योहार एक साथ पड़ रहा है, जो इससे पहले वर्ष 1967 में था। जबकि वर्ष 1955 में धनतेरस और चतुर्दशी एक ही दिन पड़ी थी।
उनके अनुसार धनतेरस का पर्व उदया तिथि के कारण 13 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन यम को दीप दान का भी महत्व है। 13 को प्रीति योग रहेगा। इधर, महंत विष्णु दत्त स्वामी ने बताया कि धनतेरस पर्व की त्रयोदशी की तिथि 12 नवंबर को शाम 4:15 बजे से लग जाएगी, जो 13 की शाम 4 बजे तक रहेगी। खरीदारी का अति शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक रहेगा। इस दौरान विष्कुंभ योग रहेगा। उनके अनुसार भगवान धनवंतरी की पूजा भी दो दिन की जा सकती है।

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