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मेट्रो रेल परियोजना के कार्यों में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करें – मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत अधोसंरचना सेक्टर में महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया गया है। जन-कल्याण से जुड़े कार्यों की तेजी से पूर्णता सुनिश्चित की जाए। कोरोना के संकट के बाद भी आत्म-निर्भरता की दिशा में एक वर्ष से कम अवधि में विभिन्न समूहों ने बेहतर कार्य कर दिखाया है। आज यह आवश्यकता है कि प्रत्येक क्षेत्र में कुछ नवीन और अभिनव प्रयास किए जाएं। इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना के कार्यों को मुख्यमंत्री ने गति के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल परियोजना के कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करते हुए जल्द से जल्द सुविधा विकसित की जाए। शीघ्र ही इस संबंध में पृथक बैठक में समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के अंतर्गत गठित अधोसंरचना समूह के प्रस्तुतिकरण पर यह बात कही।

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बजट संसाधनों के अनुरूप विकास, नवीन तकनीक, नए सोच और विभागों के सेटअप में आवश्यकतानुसार वृद्धि के उपायों पर अमल किया जाए। इससे निश्चित ही अधोसंरचना से जुड़ी जन-सुविधाओं को बढ़ाना आसान होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने विभागवार प्रस्तुतिकरण देखा।

अधोसंरचना मंत्री समूह में नोडल विभाग लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव शामिल थे।

लोक निर्माण

प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश में 200 सड़कों के साइंटिफिक ट्रेफिक सर्वे के लक्ष्य को लेकर कार्य प्रारंभ किया गया था। अब तक 82 सड़कों के यातायात सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है। टोल प्लाजा के कम्प्यूटरीकरण के अंतर्गत 44 टोल प्लाजा का कार्य, ऑफ बजट के रूप में 500 करोड़ रूपए राशि की व्यवस्था, अनुबंधों के विवादों के त्वरित निपटारे की पहल, रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम, टोल से राजस्व प्राप्ति, 12 प्रमुख मार्गों के नवीनीकरण और 57 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के कार्यों को किया गया है। साथ ही 10 साल से अधिक टोल पर संचालित सभी बीओटी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है।

जल संसाधन

विभाग द्वारा 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चरणबद्ध सिंचाई क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्य हो रहा है। मार्च 2021 तक 1.15 लाख हैक्टेयर में लक्ष्य प्राप्त किया गया है। दिसम्बर 2023 तक 3.15 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई होगी। कुल 5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता के लिए इस वर्ष के अंत तक 8 हजार करोड़ की नई परियोजनाओं के कार्यों का आवंटन किया जा रहा है। इससे 214 सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने का कार्य आसान होगा, जिसके फलस्वरूप रबी वर्ष 2022 और 2023 में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

नगरीय विकास

प्रदेश के 378 शहरों में कम आय वर्ग के लोगों के लिए 3 लाख आवास इकाइयों का निर्माण होना है। मार्च 2021 तक 44 हजार 418 मकान बन गए हैं। प्रदेश के 49 शहरों में सीवरेज सिस्टम को कार्यशील बनाने के लिए मार्च 2021 तक 7 शहरों में काम पूरा हो गया है। मार्च 2022 तक 9 शहरों में कार्य पूरा होगा। वर्ष 2023 के अंत तक 49 शहरों में कार्य को सम्पन्न किया जाएगा। प्रदेश के 41 शहरों में मार्च 2021 तक नल से जल प्रदाय के अतिरिक्त कार्य हुए हैं। मार्च 2022 तक 36 शहरों और दिसम्बर 2023 तक 100 शहरों तक यह सुविधा ले जाने का लक्ष्य है।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास

समूह द्वारा प्रस्तुतिकरण में ऐसे गाँव, जिन्हें बारहमासी सड़कों से अभी तक नहीं जोड़ा गया है, के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाने, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के भारी यातायात वाले चिन्हित मार्गों पर टोल संग्रहण प्रणाली के पॉयलट आधार पर अमल और ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना से जुड़े कार्यों के लिए उप यंत्री और सहायक यंत्री के पदों पर नियुक्ति के सुझाव पर क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि टोल से प्राप्त आय का उपयोग ग्रामों तक अच्छी सड़कें बनाने में किया जाए, जिससे ग्राम सम्पर्क विहीन न रहें। मजरों और टोलों तक सड़कों को ले जाएं।

ऊर्जा विभाग

प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने जानकारी दी कि 12 अति उच्च दाब उप केन्द्र बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। कुल 46 अति उच्च दाब लाइनों का निर्माण करने का लक्ष्य था, जिसमें से 44 लाइनों का कार्य पूरा हो गया है। बिजली के बिलों पर कोरोना नियंत्रण और रोकथाम के संबंध में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए संदेश भी प्रकाशित किए गए हैं।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग

मुख्यमंत्री चौहान ने ओंकारेश्वर में 600 मेगावॉट के फ्लोटिंग सोलर पार्क के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को तीव्र गति से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह आगर-शाजापुर-नीमच के सोलर पार्क के संबंध में प्रचलित कार्रवाई भी शीघ्र पूरी करने को कहा। मुरैना सोलर पार्क के लिए जौरा और केलारस में 3100 हेक्टेयर भूमि चिन्हांकित की गई है। सोलर रूफ टॉप योजना में 30 मेगावॉट संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य है। इसमें तीसरी निविदा के लिए प्रक्रिया चल रही है।

नर्मदा घाटी विकास विभाग

प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि 5 परियोजनाओं के कार्यों को पूरा किया गया है। इन परियोजनाओं में नर्मदा-मालवा-गंभीर, उज्जैनी-देवास-उज्जैन पाईप लाईन, अपर बेदा दांई तट नहर हरसूद, माइक्रो उद्ववहन सिंचाई परियोजना और ओंकारेश्वर नहर चरण-चार शामिल है। बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद सुरंग के पूरा होने के लिए परियोजना के लिए नामांकन कार्य किया गया और टनल कार्य की पीएमसी दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को दी गई। रूका हुआ कार्य फिर शुरू हो गया है। अगले एक वर्ष में पूर्ण होने की आशा है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

मंत्री समूह के प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि प्रदेश में मार्च 2021 तक 38 लाख 28 हजार लाख परिवारों को नल-जल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। वर्ष 2021-22 के लिए जल जीवन मिशन की वार्षिक कार्य-योजना में 22.01 लाख घरेलू नल कनेक्शन का लक्ष्य है। वर्तमान वित्त वर्ष के आखिरी तक प्रदेश के कवरेज का 49.7 प्रतिशत कार्य किया जाना तय किया गया है।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, समूह के समन्वयक अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास आई.सी.पी. केशरी, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े और अपर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय ओमप्रकाश श्रीवास्तव बैठक में उपस्थित थे।


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