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निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर पद से क्यों दिया इस्तीफा?

निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैं बहुत आहत हूं। मेरे घर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शनलाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है।

                                       

छतरपुर में पदस्थ निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेजा। इसमें बांगरे ने विभाग के प्रमुख सचिव पर 25 जून को उनके घर के उद्घाटन/शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने छुट्टी नहीं देने और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है। बांगरे ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की।

निशा बांगरे वर्तमान में लवकुश नगर की एसडीएम के रूप में कार्यरत है। उन्होंने अपने इस्तीफ में लिखा है कि मैं बहुत आहत हूं। मेरे घर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शनलाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को क्षति पहुंची है। इसलिए मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती हूं। मैं डिप्टी कलेक्टर के पद से 22 जून को इस्तीफा देती हूं। बता दें, इससे पहले भी निशा बांगरे प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आने की इच्छा जता चुकी हैं।

ये है पूरा मामला

आमला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति 25 जून को गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार सम्मान समारोह तथा सर्वधर्म शांति एवं शिक्षा केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम सहित सर्वधर्म समभाव यात्रा का आयोजन है। यात्रा में शामिल होने की अनुमति के लिए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 19 मई को मप्र शासन (सामान्य प्रशासन विभाग) को आवेदन दिया था, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने निशा बांगरे द्वारा चाही गई अनुमति को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 9 (2) और नियम 16 (2) के विरुद्ध पाया। इन्हीं नियमों का हवाला देकर डिप्टी कलेक्टर को कार्यक्रम/यात्रा में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई।

बांगरे के मुताबिक, आयोजन को लेकर शासन-प्रशासन को इंटीमेशन दे दी है। 25 जून को मैं अपने घर के उद्घाटन का कार्यक्रम करूंगी। जहां तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन का सवाल है, गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम किया जा रहा है। आयोजकों ने अनुमति को लेकर विधिवत विभिन्न विभागों को पत्र भेजे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 25 जून को किसी राजनैतिक झंडे के नीचे नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। हालांकि चुनाव को लेकर जब बात की तो उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर अभी इनकार कर दिया।


अमेरिका की कंपनी में कर चुकी हैं नौकरी

निशा बांगरे ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया। इसके बाद 2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा में उनका चयन डीएसपी के पद पर हुआ। 2017 में एमपी पीएससी में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ। उनकी पांच वर्ष की सेवा पूरी हो चुकी है।

Source: Amar Ujala 

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