Jhansi News: बुंदेलखंड में घटा दलहन और तिलहन का उत्पादन
रविवार को रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विवि में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। इसमें मध्य भारत में खाद्य सुरक्षा के लिए दलहन, तिलहन और श्रीअन्न के उत्पादन के लिए अनुसंधान एवं विकास की रणनीति पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि बुंदेलखंड (Bundelkhand) में तिलहन और दलहन का उत्पादन घटा है, जो चिंता का विषय है। इसके बढ़ने से यहां के किसानों की आय में इजाफा होगा।
गोष्ठी का शुभारंभ सांसद अनुराग शर्मा, कुलाधिपति डाॅ. पंजाब सिंह, पूर्व कुलपति पद्मश्री डाॅ. अरविंद कुमार, आईसीएआर के उप महानिदेशक डाॅ. आरसी अग्रवाल, आईजीएफआरआई के निदेशक डाॅ. अमरेश चंद्रा व पूर्व उप महानिदेशक आईसीएआर डाॅ. पी दास ने रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डाॅ. एसके चतुर्वेदी ने सभी का स्वागत किया। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि तिलहन की देश में खपत अधिक हो रही है, जबकि उत्पादन कम हो रहा है। लगभग 13 मिलियन टन तेल विदेशों से सरकार को लेना पड़ता है। हालांकि, 2022-23 में तिलहन के उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी इसे और बढ़ाने की जरूरत है।
गोष्ठी में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. मुकेश श्रीवास्तव, डाॅ. एसएस सिंह, डाॅ. अनिल कुमार, डाॅ. आरके सिंह, डाॅ. वीपी सिंह, डाॅ. वीके बेहरा, डाॅ. एसएस कुशवाह, डाॅ. पुनीत चौधरी मौजूद रहे। संचालन डाॅ. अर्तिका सिंह ने किया। आभार डाॅ. योगेश्वर सिंह ने जताया।
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