501 किमी रामरथ चोटी से खींच अयोध्या पहुंचेंगे संत
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने पर सिर के बालों से रथ खींच कर जाने की अनूठी कसम लेने वाला मध्य प्रदेश के दमोह जिले के संत का रविवार को महोबा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। रामभक्तों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। संत ने हनुमान मंदिर में माथा...
महोबा। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में साधु की अनोखी प्रतिज्ञा को देख लोग अचंभित हैं. बाबा बद्री अपनी चोटी से रामरथ खींचकर अयोध्या जा रहे हैं, जो 501 किलोमीटर की दूरी तय कर 22 जनवरी से पहले अयोध्या पहुचेंगे. आज रविवार को रामरथ महोबा पहुंचा तो राम भक्तों ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने पर सिर के बालों से रथ खींच कर जाने की अनूठी कसम लेने वाला मध्य प्रदेश के दमोह जिले के संत का रविवार को महोबा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। रामभक्तों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। संत ने हनुमान मंदिर में माथा टेक आगे की रवानगी की। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी।
मध्य प्रदेश में दमोह जिले में स्थित मठ के महंत बद्री प्रसाद राम जानकी की प्रतिमाओं वाला अपना रथ बालों से खींचते हुए 171 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर महोबा पहुंचे। कानपुर.सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुख्यालय के बजरंग चोक में सैकड़ो की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओ ने उनका पुष्प वर्षा कर जोर दार स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने जय श्रीराम के जमकर नारे लगाए। सन्त ने कहा कि 1992 में की गई अपनी प्रतिज्ञा के चलते वह बालों से राम.जानकी के रथ को खींचते हुए अयोध्या लेकर जाएंगे। जहां उनके व्रत की पूर्णता होगी।
महंत बद्री प्रसाद ने कहा कि महोबा से अयोध्या तक की 501 किलोमीटर की यात्रा के लिए उन्हें संजीवनी प्रदान करने को प्रभु श्रीराम का हर पल स्मरण ही प्रमुख सहारा है। श्रीराम की प्रेरणा से ही वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि रास्ते में राम भक्तों का समूह उनके संबल को बढ़ाता है। महंत बद्री प्रसाद ने यह बात पूरी दमदारी से कही की देश में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद पर और यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते ही अयोध्या में राम मंदिर में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का बड़ा कार्य सम्भव हो सका। इस ऐतिहासिक कार्य से सनातन जगत में भारी उमंग.उल्लास का माहौल है।
उधर इस अनूठी यात्रा के नगर आगमन पर विश्व हिंदू परिषद की ओर से उसके अनुसांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विशाल कार्यक्रम को आयोजित कर इसे यादगार बना दिया। पूर्व प्रधानाचार्य व समाजसेवी शिव कुमार गोस्वामी ने कहा कि महंत बद्री प्रसाद द्वारा रथ को अपनी जटाओं से खींच कर अयोध्या ले जाना वास्तव में अद्भुत है। यह ईश्वरीय कृपा का द्योतक है।
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