Lalitpur News - यहां बाघ की पुष्टि होने के बाद वन विभाग रिजर्व फॉरेस्ट तैयार करने जा रहा है। कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मड़ावरा, गौना व ललितपुर रेंज को इसमें शामिल किया जाएगा।
ट्रैप कैमरों की फुटेज से अब वाइल्ड लाइफ की पुष्टि होने लगी है। अभी तक वन विभाग जंगलों में बाघ की उपस्थिति नहीं मानता था। अप्रैल में मड़ावरा, गौना व ललितपुर रेंज के जंगलों में 20 ट्रैप कैमरे लगाए गए। पहली बार 25 जून को इन कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो मड़ावरा वन रेंज के लंखजर व धौरीसागर वन क्षेत्र में बाघ के एक जोड़े की तस्वीरें मिलने से वन विभाग की बाछें खिल गईं। यह फुटेज करीब 20 दिन पुरानी जून के प्रथम सप्ताह की थीं। वन विभाग ने अनुमान लगाया कि गर्मी में पानी की तलाश में यह जोड़ा आसपास के मध्य प्रदेश के जंगलों से आ गया होगा।
इसके बाद जनपद से सटे वन पन्ना टाइगर रिजर्व व सागर में इस बाघ की सूचना दी गई। दोनों रेंजों ने इसकी पुष्टि नहीं की। इसके बाद जब बीच में कैमरों की फुटेज को खंगाला गया तो वह बाघ का जोड़ा दिखाई नहीं दिया। वन विभाग ने हाल में 20 अगस्त को जब इन कैमरों का फुटेज देखा तो एक बार फिर बाघ दिखाई दिया। इसके बाद यकीन हो गया कि यह ललितपुर के ही जंगलों का बाघ का जोड़ा है। अब वन विभाग रिजर्व फॉरेस्ट तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है। रिजर्व फॉरेस्ट से वाइल्ड लाइफ को नया आयाम मिलेगा, साथ ही वन क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश पर भी रोक लगेगी।
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यहां बाघ के अलावा अन्य वन्यजीवों की मौजूदगी
ललितपुर के वन क्षेत्र में बाघ के अलावा तेंदुआ, भालू, फिशिंग कैट, चिंकारा, चौसिंघा, वनरोज, सांभर, चीतल, बारसिंघा, भालू जैसी दुर्लभ प्रजाति मौजूद हैं। रिजर्व फॉरेस्ट बनने से इन सबको संरक्षण मिलेगा।
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टाइगर रिजर्व के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसे शासन को भेजा जाएगा। -गौतम सिंह, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी।
साभार - अमर उजाला
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