बांदा। जनपद में रविवार रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश सोमवार भर जारी रही। इस बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी और कटी हुई फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। विशेष रूप से धान और तिल की फसलें इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
खेतों में ठप पड़ा काम
अक्टूबर माह के इस मौसम में किसान खेतों की जुताई और रबी फसलों की बुवाई में जुटे थे। पिछले कई दिनों से मौसम साफ रहने के कारण किसानों ने मसूर, मटर, चना और अलसी जैसी फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी थी। लेकिन अचानक हुई लगातार बारिश ने खेतों में काम रुकवा दिया। जिन किसानों ने तिल और धान की फसल काटकर खेतों में सुखाने के लिए छोड़ी थी, उनकी फसल अब भीगकर खराब हो रही है। खेतों में पानी भरने से फसलों के सड़ने का खतरा बढ़ गया है।
धान और तिल की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित
बांदा समेत बुंदेलखंड क्षेत्र में अगेती धान की फसल की कटाई लगभग पूरी हो चुकी थी। किसान फसल को खेतों में सुखा रहे थे, लेकिन बारिश से धान के दाने लाल पड़ने लगे हैं। इससे बाजार में कीमत कम मिलने की संभावना बढ़ गई है। तिल की फसल भी नुकसान की चपेट में है। जिन किसानों ने फसल काटकर घर में रख ली है, उन्हें कुछ राहत है, जबकि खेतों में खड़ी फसलें पानी में भीगकर खराब हो रही हैं।
किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों का कहना है कि पहले ही महंगाई और खाद संकट की वजह से खेती करना मुश्किल था। अब यह बारिश उनकी मेहनत पर पूरी तरह पानी फेर रही है। खेतों में पानी भर जाने से बोआई का कार्य ठप हो गया है। बबेरू, अतर्रा, खुरहंड और पैलानी क्षेत्र में रिमझिम बारिश करीब 18 घंटे तक रुक-रुककर जारी रही, जिससे खरीफ फसलों का नुकसान और रबी फसलों की तैयारी दोनों प्रभावित हुई हैं।
तीन दिन और बरस सकते हैं बादल
कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विभागाध्यक्ष ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के असर से यह बारिश हो रही है। अगले तीन दिन तक रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे तिल और धान की कटी फसल को पॉलिथिन से ढक दें और खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल दें।
पैदावार पर पड़ेगा असर
बुंदेलखंड किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि लगातार मौसम की मार से किसानों की स्थिति बेहद कठिन हो गई है। पहले बारिश के कारण धान की फसल पानी में डूबी रही, अब बेमौसम बारिश से कटी फसल खराब हो रही है। यदि मौसम जल्द नहीं खुला, तो रबी की बोआई भी देर से होगी, जिससे पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा।
बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी और कटी फसलें दोनों ही खतरे में हैं। मौसम विभाग के अनुसार, यदि बारिश जारी रही तो रबी फसलों की बोआई भी प्रभावित होगी। ऐसे में किसानों के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है खरीफ की फसल का नुकसान और रबी की बुवाई में देरी।

0 टिप्पणियाँ