ललितपुर जिले में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। ठंडी हवाओं के बीच लोगों को सर्दी का अहसास होने लगा है। वहीं, यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रही है। रबी की बोआई के बाद किसानों को अब पहली सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे मेहनत और खर्च दोनों की बचत होगी।
जिले में औसतन 4.6 मिमी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में जिले में औसतन 4.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश सदर तहसील में 10 मिमी और सबसे कम पाली क्षेत्र में 1 मिमी दर्ज हुई। रविवार सुबह से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी रुक-रुक कर जारी रही, जिससे पूरे जिले में ठंडक का असर बढ़ गया।
किसानों को मिली बड़ी राहत
जनपद में दलहन की फसलों की बोआई लगभग 60 फीसदी तक पूरी हो चुकी है। रविवार दोपहर के बाद मौसम अचानक बदला और शाम होते-होते हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो गई। सोमवार को भी कई क्षेत्रों में लगातार बूंदाबांदी होती रही। इस बारिश से खेतों में नमी बढ़ने से रबी की फसलों को सीधा लाभ मिलेगा। किसानों ने बताया कि अब उन्हें पलेवा (पहली सिंचाई) के लिए नहरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
गेहूं की बोआई के लिए अनुकूल मौसम
जिन किसानों को गेहूं की बोआई करनी है, उनके लिए यह बारिश बेहद उपयोगी साबित हुई है। खेतों में नमी आने से बीज अंकुरण में आसानी होगी। बिरधा और नाराहट जैसे इलाकों में जहां नहरों की सुविधा नहीं है, वहां किसानों ने सिंचाई के अन्य साधनों से पलेवा कर बोआई भी शुरू कर दी है।
लाभ और आशंका दोनों
किसानों का कहना है कि जिन खेतों में फसलों की बोआई को 10 से 12 दिन हो चुके हैं, उनके लिए यह बारिश अत्यंत लाभदायक है। वहीं, जिनकी बोआई दो-तीन दिन पहले हुई है, उन खेतों में अधिक नमी से ‘पड्डा’ (पानी जमा होने) का खतरा बना हुआ है। फिर भी अधिकांश किसान इस बारिश से खुश हैं, क्योंकि इससे उनकी मेहनत और सिंचाई का खर्च दोनों कम होंगे।

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