छतरपुर। शहर से सटे झनझन देवी मंदिर के पास लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन (नेचर पार्क) के निर्माण की शुरुआत हो गई है। इसे जिले का सबसे बड़ा और आधुनिक नेचर पार्क बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने परियोजना के लिए 1.75 करोड़ रुपये की प्रारंभिक स्वीकृति दी है, जबकि शेष राशि चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। यह पार्क स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बनने जा रहा है।
पार्क में मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
वन विभाग की देखरेख में इस विशाल नेचर पार्क में रनिंग ट्रैक, बच्चों के लिए झूले, योग पार्क, बाल उद्यान, व्यायामशाला, आरोग्य धाम और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बर्ड सेंचुरी जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसके साथ ही चंदेल कालीन तालाब का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक, प्राकृतिक और पर्यटन दृष्टि से और भी आकर्षक रूप लेगा।
हरियाली और स्वच्छता पर रहेगा जोर
परियोजना के तहत पूरे क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित किया जाएगा। यहां छायादार, फलदार, औषधीय और देसी प्रजातियों के हजारों पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही, तालाबों का निर्माण और पुराने जल स्रोतों का पुनरुद्धार किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा। पार्क में चिल्ड्रन पार्क, सेल्फी जोन और नेचर एजुकेशन एरिया भी बनाए जाएंगे ताकि लोग प्रकृति के साथ जुड़ाव महसूस कर सकें।
अगले चरण में बनेगी बर्ड सेंचुरी
पहले चरण में 1.75 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य शुरू किया गया है। अगले चरणों में बर्ड सेंचुरी, योग पार्क और तालाब के सौंदर्यीकरण जैसी अतिरिक्त सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। इसके पूरा होने पर यह पार्क धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम बनेगा।
स्थानीय पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
पार्क के निर्माण से स्थानीय पर्यटन को नई पहचान मिलेगी। झनझन देवी मंदिर के पास स्थित यह नेचर पार्क देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे — चाहे सुरक्षा कर्मी हों, मार्गदर्शक हों या रखरखाव से जुड़े कर्मचारी।
तालाब और सड़क मार्ग का विकास
परियोजना के तहत झनझन देवी मंदिर के पास स्थित रियासतकालीन तालाब का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही, मंदिर तक पहुंचने के लिए व्यवस्थित सड़क मार्ग का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा होगी।
पर्यावरण और शिक्षा का संगम
वन विभाग का कहना है कि यह नेचर पार्क केवल हरियाली बढ़ाने तक सीमित नहीं रहेगा। इसका उद्देश्य लोगों को वनों के महत्व से परिचित कराना और उन्हें प्राकृतिक जीवन शैली के करीब लाना है। पार्क में वृक्षों की प्रजातियों की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए जाएंगे, वहीं स्कूलों और कॉलेजों के लिए यह क्षेत्र शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।
झनझन देवी के पास बन रहा यह नेचर पार्क छतरपुर जिले को एक नई पहचान देने जा रहा है। हरियाली, धार्मिकता और पर्यटन का संगम यह क्षेत्र आने वाले समय में प्रदेश का प्रमुख इको-टूरिज्म हब बन सकता है — जहां प्रकृति, शिक्षा और संस्कृति का सुंदर मेल देखने को मिलेगा।
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