मऊ। चित्रकूट के विकास को नई दिशा देने वाली 800 मेगावाट अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क परियोजना को लेकर बुधवार को तहसील सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी राम ऋषि रमन ने की। बैठक में भूमि अनुबंध की प्रगति, विवादित भूखंडों के निस्तारण और किसानों के सहयोग पर विशेष चर्चा की गई।
15 गांवों में 3600 एकड़ भूमि पर बनेगा सौर ऊर्जा पार्क
बैठक में टुस्को लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के लिए मऊ तहसील के 15 गांवों की लगभग 3600 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इनमें गाहुर, कटैयाडांडी, मनका द्वर्तनी, खरगडाह, डोडियामाफी, छतैनी माफी, छरेहरा, कोटवामाफी, बचोखर, बरगद्र, गोइया कलां, गोइया खुर्द, सेमरा और अतरीमाजरा शामिल हैं। इनमें से 2350 एकड़ भूमि निजी स्वामित्व की है, जबकि 1250 एकड़ सरकारी भूमि है। अब तक 3292 एकड़ भूमि का अनुबंध पूरा हो चुका है, और शेष भूमि के अनुबंध की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
विवादित भूखंडों पर वार्ता और समाधान की कोशिश
बैठक के दौरान ग्राम गाहुर सहित कुछ गांवों में विवादित भूखंडों के सीमांकन और कब्जे से जुड़े मुद्दों पर किसानों के साथ चर्चा की गई। प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया कि वे विकास में सहयोग करें ताकि यह परियोजना समय पर पूरी हो सके। किसानों की शिकायतों और सुझावों को गंभीरता से सुना गया और अधिकारियों ने पारदर्शी समाधान का भरोसा दिया।
सौर ऊर्जा से मिलेगा नया भविष्य
परियोजना पूरी होने पर चित्रकूट क्षेत्र न केवल ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में मौजूद अधिकारियों और किसानों ने इस बात पर सहमति जताई कि यह परियोजना चित्रकूट की पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि किसानों के हितों की पूर्ण सुरक्षा करते हुए सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएंगी, ताकि आने वाले समय में चित्रकूट ऊर्जा का केंद्र बन सके।
0 टिप्पणियाँ