चित्रकूट। सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में बृहस्पतिवार को नेत्र सहायक रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नेत्र सेवाओं को और अधिक प्रभावी, ऊर्जा-सक्षम तथा तकनीकी रूप से उन्नत बनाना है। कार्यक्रम में लगभग साठ नेत्र सहायक और विजन टेक्नीशियन शामिल हुए, जिन्हें आधुनिक तकनीकों और ऊर्जा-संरक्षण के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी गई।
स्वच्छ ऊर्जा के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे सौर ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों के उपयोग से अस्पताल की सेवाओं को और अधिक टिकाऊ बनाया जा सकता है। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में कार्बन उत्सर्जन को कम करते हुए पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली को बढ़ावा देना है। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान मरीजों की देखभाल के मानक, दृष्टि जांच की नई तकनीकें, आधुनिक उपकरणों का उपयोग और आपात स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की विधियों की जानकारी दी गई।
निरंतर सीखने से बढ़ेगी सेवा गुणवत्ता
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सीखना और नए अनुभवों को अपनाना बेहद जरूरी है। प्रशिक्षण से नेत्र सहायकों में आत्मविश्वास और संवेदनशीलता दोनों का विकास होगा, जिससे मरीजों को बेहतर और मानवीय सेवा मिल सकेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगी बेहतर दृष्टि सेवा
कार्यक्रम का एक प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक गुणवत्तापूर्ण नेत्र सेवाएं पहुंचाना है। प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी अपने-अपने दृष्टि केंद्रों पर आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करते हुए लोगों की नेत्र समस्याओं का अधिक कुशल समाधान कर सकेंगे।
सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय का यह रिफ्रेशर प्रशिक्षण न केवल नेत्र सहायकों के कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और आधुनिक तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में भी एक प्रेरणादायक पहल है। यह कार्यक्रम आने वाले समय में चित्रकूट सहित आसपास के क्षेत्रों के लिए एक आदर्श मॉडल साबित हो सकता है।
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