Mahoba में बदलेगी खेती की रफ्तार, अब फरवरी में ही मिलेंगे ताज़ा तरबूज-खरबूजे

महोबा। बुंदेलखंड की पत्थरीली जमीन को लेकर प्रायः माना जाता है कि यहां सीमित फसलें ही पनप पाती हैं, लेकिन अब यह तस्वीर बदलने वाली है। महोबा में हाईटेक नर्सरी की शुरुआत के साथ तरबूज और खरबूजे की खेती को नई उड़ान मिलने जा रही है। अब यह रसीले फल अपने सामान्य मौसम से काफी पहले ही बाजार में दिखाई देंगे, जिससे किसानों को बेहतर आमदनी और उपभोक्ताओं को ताज़ा फलों का पहले लुत्फ मिल सकेगा।

हाईटेक तकनीक से तैयार होंगे पौधे

उद्यान विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बेलाताल में आधुनिक सुविधाओं से लैस नर्सरी स्थापित की गई है। यहां उन्नत तकनीक की मदद से पौधे ऐसे माहौल में तैयार किए जा रहे हैं, जहां तापमान और नमी पूरी तरह नियंत्रित रहती है। इससे मौसम का असर न पड़ते हुए पौधों को तेजी से विकसित होने में मदद मिलती है। नर्सरी में तरबूज और खरबूजे के पौधों की तैयारी शुरू हो चुकी है। पौधे पूरी तरह विकसित होने के बाद किसानों तक पहुँचाए जाएंगे, ताकि वे इन्हें अपने खेतों में लगा सकें।

ऑफ-सीजन का फायदा किसानों के हाथ

आमतौर पर गर्मी के मौसम में बाजारों में मिलने वाले तरबूज और खरबूजे अब महोबा के बाजार में बहुत पहले दिखने लगेंगे। इससे किसानों को न सिर्फ फसल का बेहतर दाम मिलेगा, बल्कि ग्राहकों को भी मौसम से पहले इन फलों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। ऑफ-सीजन में उपलब्धता बढ़ने से स्थानीय बाजार को भी नई मजबूती मिलेगी।

खेती में बढ़ेगा विश्वास और कमाई

हाईटेक नर्सरी से तैयार पौधे किसानों के लिए उम्मीद का नया आधार बन रहे हैं। अब वे बदलती जलवायु और कठिन भूभाग की चुनौतियों से इतर आधुनिक तकनीक का लाभ उठा सकेंगे। यह पहल न सिर्फ खेती को मजबूत करेगी, बल्कि महोबा को फल उत्पादन के नए केंद्र के रूप में भी पहचान दिलाएगी।

महोबा की धरती पर शुरू हुई यह नई कोशिश बुंदेलखंड में खेती के नए दौर का संकेत दे रही है, जहाँ तकनीक और मेहनत मिलकर खेती को एक नई दिशा दे रही हैं।

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