Mahoba: आत्मरक्षा प्रशिक्षण से बढ़ा बालिकाओं का आत्मविश्वास, जानें कैसे मिल रही है सुरक्षा की नई सीख

महोबा शहर में सोमवार को आयोजित एक विशेष शिविर में बालिकाओं को आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। यह शिविर शहर के एक प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित हुआ, जहां बालिकाओं को कराटे और अन्य आत्मरक्षा तकनीकों का अभ्यास करवाया गया। 

प्रशिक्षण के दौरान उन्हें यह सिखाया गया कि किसी भी अचानक स्थिति में खुद की सुरक्षा कैसे की जाए। शिविर का मुख्य उद्देश्य यह था कि बालिकाएं न केवल आत्मविश्वास से भरें, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मजबूत बना सकें।

कानून और अधिकारों की समझ भी जरूरी

प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को यह भी बताया गया कि शारीरिक प्रशिक्षण के साथ–साथ अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी होना भी उतना ही जरूरी है। अगर किसी बच्ची या महिला को कहीं भी असुरक्षा महसूस होती है तो कानून उसकी पूरी सुरक्षा का अधिकार देता है। इसलिए हर लड़की को यह समझना चाहिए कि वह अकेली नहीं, बल्कि कानून उसके साथ खड़ा है। इसी संदेश को शिविर में बार–बार दोहराया गया।

घर और समाज में भी फैलाएं जागरूकता

बालिकाओं को यह प्रेरणा भी दी गई कि वे केवल खुद तक ही सीमित न रहें, बल्कि अपने आसपास की महिलाओं और लड़कियों को भी जागरूक करें। उन्हें बताया गया कि यदि समाज की हर लड़की जागरूक और आत्मनिर्भर हो जाए तो अपराध और असुरक्षा की स्थिति स्वतः ही कम हो जाएगी। प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य समाज में आत्मविश्वास और साहस का वातावरण तैयार करना था।

बालिकाओं में दिखा उत्साह

शिविर खत्म होने तक छात्राओं में अलग ही आत्मविश्वास दिखाई देने लगा। उनमें यह भरोसा बढ़ा कि वे जरूरत पड़ने पर खुद अपनी सुरक्षा कर सकती हैं। इस तरह का प्रशिक्षण न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि मन में यह भरोसा भी जगाता है कि लड़की किसी भी स्थिति में डरकर नहीं, बल्कि डटकर सामना कर सकती है। इस शिविर ने बालिकाओं को सुरक्षा, जागरूकता और आत्मनिर्भरता का मजबूत संदेश दिया।

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