चित्रकूट में अवैध प्लाटिंग पर बुलडोज़र, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

चित्रकूट के विकास क्षेत्र में लंबे समय से अवैध प्लाटिंग की शिकायतें मिल रही थीं। कई जगह बिना स्वीकृति के जमीन काटकर बेचने का खेल तेज़ी से चल रहा था। ऐसी ही एक जगह पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए शुक्रवार को कार्रवाई की। लगातार दिए गए नोटिसों के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर पूरी प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया गया।

नियमों को ताक पर रखकर हो रहा था निर्माण

स्थान पर बिना नक्शा पास कराए जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा जा रहा था। इलाके में आने वाले समय में अव्यवस्थित बसावट, जलभराव और अन्य समस्याओं की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने इसे गंभीर मामला माना। इसलिए तय किया गया कि नियम तोड़कर किए गए किसी भी काम को बख्शा नहीं जाएगा।

पहले नोटिस, फिर एक्शन

विकास प्राधिकरण ने इस क्षेत्र में ऐसे कई मामलों को चिन्हित किया था। सभी को समय रहते नोटिस देकर अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया गया था। लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और पूरी प्लाटिंग को हटाया गया।

निर्माण से पहले स्वीकृति जरूरी

प्रशासन ने साफ कहा है कि क्षेत्र में कोई भी निर्माण या लेआउट तभी किया जाए, जब उसकी अनुमति ली गई हो। बिना अनुमति के की गई प्लाटिंग न सिर्फ अवैध है, बल्कि भविष्य में रहने वालों के लिए परेशानी का कारण भी बन सकती है। इसलिए नियमों के अनुसार ही काम करने की अपील की गई है।

जनता से अपील: नियम मानें, परेशानी से बचें

जिला प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपेक्षा जताई है। कहा गया है कि अगर सभी निर्माण कार्य निर्धारित प्रक्रिया से किए जाएं, तो क्षेत्र में अव्यवस्था, जलभराव और अवैध बसावट जैसी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएंगी।

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