विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में 11वें अंतरराष्ट्रीय खजुराहो फिल्मोत्सव की शुरुआत उत्साह और उल्लास के साथ हुई। ऐतिहासिक धरोहरों के बीच सजे इस आयोजन ने शहर को सिनेमा और संस्कृति के रंग में रंग दिया। उद्घाटन समारोह में फिल्म प्रेमियों, कलाकारों और स्थानीय लोगों की अच्छी खासी मौजूदगी रही। फिल्मोत्सव के पहले दिन से ही सांस्कृतिक गतिविधियों ने माहौल को जीवंत बना दिया।
अनुपम खेर की उपस्थिति बनी खास
फिल्मोत्सव के शुभारंभ अवसर पर प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर की मौजूदगी ने कार्यक्रम को खास बना दिया। उन्होंने सिनेमा और समाज के रिश्ते पर अपने विचार साझा किए। मंच से यह संदेश दिया गया कि कलाकारों को पहचान और सम्मान दर्शकों के भरोसे से ही मिलता है। उन्होंने कहा कि जनता ही वह ताकत है, जो किसी कलाकार को नायक बनाती है, इसलिए असली हीरो भी वही है।
फिल्मों के प्रदर्शन को लेकर उत्साह
11वें खजुराहो फिल्मोत्सव के दौरान विभिन्न श्रेणियों की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन फिल्मों में सामाजिक मुद्दों, मानवीय भावनाओं और प्रेरणादायक कहानियों को प्रमुखता दी गई है। दर्शकों को देश और विदेश की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों को देखने का अवसर मिलेगा। इससे सिनेमा के विविध रूपों से रूबरू होने का मंच तैयार हुआ है।
लोक संस्कृति ने बांधा समां
उद्घाटन समारोह में लोक कला और पारंपरिक संगीत की मनोहारी प्रस्तुतियां दी गईं। मिट्टी, लकड़ी और लोहे से बने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर आधारित लोक संगीत ने दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही पारंपरिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक नृत्यों ने कार्यक्रम को और आकर्षक बना दिया। बाद में फिल्मी गीतों और धुनों पर आधारित प्रस्तुतियों से माहौल और रंगीन हो गया।
हस्तशिल्प बाजार भी बना आकर्षण
कार्यक्रम स्थल पर हस्तशिल्प और क्राफ्ट बाजार भी सजाया गया। यहां स्थानीय कारीगरों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया, जिसे देखने और खरीदने के लिए लोगों में उत्साह देखा गया। इससे स्थानीय कला और शिल्प को बढ़ावा मिला।
सिनेमा और संस्कृति का संगम
11वां खजुराहो फिल्मोत्सव सिनेमा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी मंच प्रदान कर रहा है। आने वाले दिनों में फिल्म प्रदर्शन, संवाद सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह आयोजन खजुराहो की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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