किसानों को खाद की कमी से राहत देने के लिए जिले में खाद की आपूर्ति बढ़ा दी गई है। अब किसानों को बिक्री केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। खेती के इस अहम समय में खाद आसानी से उपलब्ध कराने के लिए जिले को बड़ी मात्रा में उर्वरक आवंटित किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि किसान बिना परेशानी के अपनी फसलों में समय पर खाद का उपयोग कर सकें।
सहकारी समितियों पर मजबूत व्यवस्था
जिले की सभी साधन सहकारी समितियों और अधिकृत बिक्री केंद्रों पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सरकारी और निजी दोनों तरह के केंद्रों पर उर्वरक भेजा गया है, ताकि गांव और कस्बों के किसानों को नजदीक ही खाद मिल सके। खाद को गोदामों से सीधे बिक्री केंद्रों तक पहुंचाया गया है, जिससे आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
निजी केंद्रों को भी मिला दायित्व
सिर्फ सहकारी समितियों ही नहीं, बल्कि निजी बिक्री केंद्रों को भी खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे उन किसानों को भी सुविधा मिलेगी, जो निजी केंद्रों से खाद लेना पसंद करते हैं। प्रशासन का प्रयास है कि किसी भी किसान को खाद के लिए परेशान न होना पड़े।
वैज्ञानिक तरीके से खाद इस्तेमाल की सलाह
किसानों से अपील की गई है कि वे गेहूं और रबी की अन्य फसलों में खाद का प्रयोग संतुलित और आवश्यकता के अनुसार करें। जिन किसानों ने मिट्टी की जांच कराई है, उन्हें सलाह दी गई है कि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बताई गई मात्रा के अनुसार ही खाद डालें। इससे फसल की गुणवत्ता सुधरेगी और अनावश्यक खर्च से भी बचाव होगा।
आने वाले दिनों में और आपूर्ति
खाद की उपलब्धता आगे भी बनी रहे, इसके लिए लगातार आपूर्ति की योजना बनाई गई है। आने वाले दिनों में जिले को और खाद मिलने की संभावना है, जिसे सीधे सहकारी समितियों तक पहुंचाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि रबी सीजन के दौरान खाद की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। खाद की समय पर व्यवस्था से किसानों में भरोसा बढ़ा है। उन्हें उम्मीद है कि अब फसलों की देखभाल बिना किसी बाधा के हो सकेगी और उत्पादन पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।

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