Tikamgarh: प्रधानमंत्री सड़क योजना की बड़ी चूक: डेढ़ साल में बिखर गई नई सड़क

टीकमगढ़| जिले के कई गांवों को जोड़ने वाली नई सड़क, जिसे लंबे समय तक टिकाऊ बताया गया था, कुछ ही समय में खराब हो गई है। ग्रामीण इलाकों को सुगम रास्ता देने के उद्देश्य से बनाई गई यह सड़क अब जगह–जगह टूट चुकी है। हालात ऐसे हैं कि आए दिन लोगों को उबड़–खाबड़ मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है।


रखरखाव का जिम्मा, लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं

सड़क का निर्माण करने वाली एजेंसी को इसका रखरखाव भी करना था। वर्षों तक इसकी जिम्मेदारी तय की गई थी, लेकिन सड़क की टूट-फूट के बाद भी किसी तरह का सुधार कार्य शुरू नहीं हुआ। ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायतें किए जाने के बावजूद विभाग की चुप्पी ने लोगों की नाराजगी बढ़ा दी है। लोगों का कहना है कि शिकायतें कई बार की गईं लिखित रूप से, मौखिक रूप से, और जनसुनवाई में भी। यहां तक कि हेल्पलाइन में भी मामला दर्ज कराया गया, लेकिन कार्रवाई आज तक शुरू नहीं हुई।

कई गांवों की रोज़मर्रा की जिंदगी पर असर

इस मार्ग से कई गांव जुड़े हुए हैं। स्कूल जाना हो, मजदूरी पर निकलना हो, या दैनिक जरूरतों के लिए आवागमन सभी का रास्ता इसी सड़क से होकर गुजरता है। सड़क खराब होने से बीमारों को अस्पताल ले जाने में भी परेशानी हो रही है। ग्रामीण बताते हैं कि बरसात में तो यह रास्ता और भी चुनौती बन जाता है।

जिम्मेदार विभाग पर उठ रहे सवाल

स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़क टूटने के बाद विभाग और एजेंसी को तुरंत मरम्मत करनी चाहिए थी। लेकिन लगातार अनदेखी से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर गारंटी और रखरखाव का वादा सिर्फ कागजों तक ही सीमित था? ग्रामीणों की मांग है कि टूट चुकी सड़क को तुरंत ठीक कराया जाए, जिम्मेवारों पर कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसे निर्माण कार्यों की निगरानी मजबूत की जाए, ताकि गांवों को फिर ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े।

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