मेजर ध्यानचंद का जन्म बुंदेलखंड के प्रयागराज में हुआ था। उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा जाता था। उन्होंने भारतीय सेना में मेजर पद तक सेवा की और देश के लिए 1928, 1932 व 1936 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते। अद्भुत बॉल कंट्रोल और गोल करने की क्षमता के लिए वे विश्वभर में मशहूर हुए। उनकी स्मृति में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है और भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान अब "मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार" कहलाता है।
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