भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट एक बार फिर भक्ति और श्रद्धा के रंगों में रंगने जा रही है। आगामी 21 सितंबर को अश्विन अमावस्या पर्व पर यहां ऐतिहासिक मेला आयोजित होने जा रहा है, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। श्रद्धालु मंदाकिनी नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण और रामघाट पर पूजा-अर्चना करेंगे।
चित्रकूट, जो रामायण काल से धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालुओं से भरा रहेगा। यहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान लगभग 11.5 वर्ष बिताए थे। इसी कारण चित्रकूट को आस्था और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। अश्विन अमावस्या पर यहां स्नान और पितृ तर्पण की परंपरा सदियों से चली आ रही है, और इस दिन लाखों श्रद्धालु इस पावन अवसर का लाभ उठाने के लिए चित्रकूट पहुंचते हैं।
विशेष रेलवे व्यवस्था: श्रद्धालुओं के लिए मेला स्पेशल ट्रेनें
मेला के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन ने विशेष ट्रेनें संचालित करने की योजना बनाई है। वीरांगना लक्ष्मीबाई मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि 20 से 22 सितंबर तक श्रद्धालुओं के लिए दो मेला स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। इन ट्रेनों का मार्ग इस प्रकार तय किया गया है कि यह छोटे-बड़े प्रमुख स्टेशनों पर रुकेंगी, ताकि अधिकतम श्रद्धालु चित्रकूट धाम कर्वी पहुंच सकें।
पहली मेला स्पेशल ट्रेन की समय-सारणी:
पहली मेला स्पेशल ट्रेन 20 से 22 सितंबर तक रोजाना झांसी से सुबह 10:10 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन ओरछा, बरुआसागर, निवाड़ी, महोबा, बांदा सहित बीच के सभी प्रमुख स्टेशनों पर ठहरते हुए शाम 5:45 बजे चित्रकूट धाम कर्वी पहुंचेगी। वापसी यात्रा उसी दिन शाम 7:25 बजे कर्वी से शुरू होगी और सभी स्टेशनों पर रुकते हुए रात 1:00 बजे झांसी पहुंचेगी।
मेमू सेवा का विस्तार: स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधा
इसके अलावा रेलवे प्रशासन ने 20 से 22 सितंबर तक झांसी-बांदा मेमू ट्रेन का संचालन कर्वी तक बढ़ा दिया है। इससे न केवल स्थानीय यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि भीड़ का दबाव भी कम किया जा सकेगा।
चित्रकूट में आस्था का यह महाकुंभ हर वर्ष श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, और इस बार रेलवे की विशेष व्यवस्था इस ऐतिहासिक अवसर को और भी सुविधाजनक बनाएगी।
साभार : न्यूज़ 18
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